दिल्ली हाईकोर्ट ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के बतौर राज्यसभा सदस्य के मनोनयन पर सरकार से जवाब तलब किया है. अदालत ने बुधवार को सरकार से पूछा कि आखिर किस आधार पर उसने सचिन को राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनीत किया है.
दिल्ली हाईकोर्ट के इसे आदेश के बाद सरकार को अब सचिन के मनोनयन से जुड़ी जानकारी अदालत को देनी होगी. हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से चार जुलाई तक जवाब मांगा है कि आखिर मनोनयन का आधार क्या रहा है.
हालांकि, कोर्ट ने सचिन के शपथ लेने पर कोई रोक नहीं है, सूत्र बता रहे हैं कि सचिन 18 मई को राज्य सभा के सदस्यता की शपथ ले सकते हैं. अर्जी लगाने वाले ने सचिन के शपथ पर रोक लगाने की भी मांग की थी.
याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि संविधान की धारा 80(सी) के तहत राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए उन्ही लोगों का मनोनयन कर सकते हैं, जिनका साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा काम हो.
याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी है कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं जिसमें किसी शख्स को खेल के मैदान से राज्यसभा में मनोनित किया जा सके.
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