यूपीए के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर अड़े पी. ए. संगमा ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। एनडीए के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मीडिया को संगमा का इस्तीफा पढ़कर सुनाया। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि संगमा एनडीए का उम्मीदवार हो सकते हैं।
संगमा पर राष्ट्रपति चुनाव न लड़ने के लिए पार्टी की ओर से काफी दवाब था। उन्हें चुनाव लड़ने पर पार्टी से निकाले जाने और बेटी अगाथा संगमा को यूपीए सरकार में मंत्री पद से हटाने की चेतावनी तक दी गई थी। अपने इस्तीफे में संगमा ने कहा है कि वह पार्टी के रवैये से दुखी हैं और इस्तीफा दे रहे हैं।
गौरतलब है कि बीजेपी प्रणव मुखर्जी को किसी भी हाल में वॉकओवर नहीं देना चाह रही है और इसके लिए वह जयललिता और नवीन पटनायाक के उम्मीदवार संगमा को समर्थन देने के लिए भी तैयार है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के इनकार के बाद गैर-यूपीए दलों को एकजुट करने की बीजेपी को कोशिश परवान नहीं चढ़ पाई। खुद उसके सहयोगी शिवसेना ने खुले तौर पर और जेडीयू ने परोक्ष रूप से प्रणव मुखर्जी को समर्थन की घोषणा कर दी है। इसके बावजूद बीजेपी प्रमुख विपक्षी पार्टी होने के नाते राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर सत्ताधारी पार्टियों के साथ खड़ा नहीं दिखना चाहती है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि संगमा एक बार नामांकन करा लें, तो फिर उन्हें बीजेपी की ओर से समर्थन की घोषणा की जा सकती है।
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