पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इफ्तकार मुहम्मद चौधरी ने एक याचिका के निपटारे के समय कहा कि अल्पसंख्यकों (हिंदू) के अधिकारों की सुरक्षा के लिए किसी विशेष कानून की जरूरत नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 20 के तहत अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पहले से ही इस देश में की जा रही है।
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल ने हिंदुओं के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर विशेष कानून बनाने के लिए एक याचिका दायर की थी। रिपोर्ट के अनुसार, यह भी कहा गया था कि इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
पाक हिंदू काउंसिल के वकील अकरम शेख ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जबरन धर्म परिवर्तन करवाए जाने की घटना सामने आ रही है। इसलिए ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक कानून को जरूर बनाया जाए। चूंकि यह मूलभूत अधिकार से जुड़ा मामला है। शेख के दलील पर प्रतिक्रिया देते हुए जज जव्वाद एस. ख्वाजा ने दोहराया कि अनुच्छेद 20 अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पूरी तरह सुरक्षा करता है।
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