कांग्रेस अब खुलकर अन्ना हजारे के विरोध पर उतर आई है। मजबूत लोकायुक्त कानून की मांग को लेकर महाराष्ट्र दौरे पर निकले अन्ना को बुधवार को मुंबई के उपनगर वाशी में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने काले झंडे दिखाए और नारेबाजी की।
उन्होंने अन्ना की कार को रोकने का भी प्रयास किया। पुलिस ने बीच बचाव करने की कोशिश की तो वे उनसे भी भिड़ गए। बाद में पुलिस ने अपनी सुरक्षा में अन्ना को वाशी के विष्णुदास भावे सभागार तक पहुंचाया।
अन्ना के करीबी सुरेश पठारे ने घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से प्रदर्शनकारी युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकालने की मांग की है।
गौरतलब है कि 16 मई को अन्ना जब नागपुर में एक कार्यक्रम शामिल होने पहुंचे थे,तब भी युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया था और उनकी स्कॉर्पियो गाड़ी पर पथराव किया था।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया ने बिना किसी का नाम लिए सिविल सोसायटी को आड़े हाथों लिया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि कांग्रेस और सरकार के खिलाफ अफवाहें फैलाने वालों से सख्ती से निपटने की जरूरत है, तो क्या यह इसी का असर है ?
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