अपमानित मुद्रा में शरद पवांर |
संप्रग सरकार में नंबर दो का मसला उलझ गया है। प्रणब मुखर्जी के सरकार से बाहर जाने के बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार की जगह रक्षा मंत्री एके एंटनी को प्रधानमंत्री के बाद नंबर दो की जगह देने का मुद्दा संप्रग गठबंधन में कलह का सबब बन गया है।
बहुत सोच-समझकर और बड़े ही कष्ट से मुंह खोलने वाले मराठा मानुष पवार ने उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए बुलाई गई बैठक से दूर रहकर विपक्ष को संप्रग की एकता पर सवाल उठाने का एक और मौका दे दिया है। भाजपा और शिवसेना ने संप्रग में उठी इस रार को मध्यावधि चुनाव की आहट का संकेत करार दिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों की सोमवार को बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि उसमें इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक राकांपा इस घटनाक्रम पर कांग्रेस को अपनी नाराजगी संकेतों में ही जताएगी। राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति चुनाव में राकांपा संप्रग के साथ ही रहेगी और सरकार के लिए कोई संकट भी पैदा नहीं करेगी।
लेकिन, कांग्रेस ने जिस तरह पवार को जानबूझकर नीचा दिखाया है, राकांपा उसे जताने से कोई गुरेज नहीं करेगी और समय-समय पर चुटकी काटती रहेगी। राकांपा के एक शीर्ष नेता ने कहा, 'इस मुद्दे पर औपचारिक रूप से पार्टी अपनी तरफ से कांग्रेस से बात नहीं करने जा रही, लेकिन जो हुआ वह बेहद आपत्तिाजनक है।'
दरअसल, जिस तरह से कांग्रेस ने संप्रग में नंबर दो के स्थान पर पवार की जगह एंटनी को प्रोन्नत किया है, उससे पवार और उनकी पार्टी बेहद अपमानित महसूस कर रहे हैं। अभी तक वरिष्ठता के क्रम में प्रणब के बाद पवार ही आते रहे हैं। प्रणब के सरकार से इस्तीफे के बाद हुई कैबिनेट की पहली बैठक में पवार ही प्रधानमंत्री के बगल में बैठे, लेकिन उसके बाद कांग्रेस के प्रबंधकों ने नंबर दो की जगह को जैसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया। पहले प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट से पवार का नाम हटाकर एंटनी का नाम ऊपर हुआ, फिर कैबिनेट की अगली बैठक में भी यह एहसास कराया गया।
विपक्ष ने इसे संप्रग में बिखराव का एक और संकेत करार दिया है। भाजपा महासचिव मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'कांग्रेस गठबंधन धर्म का पालन करने में असफल रही है। हमें लगता है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद संप्रग टूट जाएगा और मध्यावधि चुनाव कराने पड़ेंगे।'
भाजपा की सहयोगी शिवसेना भी इस मुद्दे पर चुटकी लेने से नहीं चूकी। पार्टी नेता संजय राउत ने कहा, 'नंबर दो या तीन संप्रग का अंदरूनी मामला है, लेकिन इतना जरूर है कि पवार का अनुभव और वरिष्ठता प्रणब के बराबर है।'
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