उमर अब्दुल्ला सरकार पंडितों की वापसी लायक माहौल बनने के लाख दावे करे, लेकिन आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने कश्मीरी पंडितों को सात दिन के अंदर वादी छोड़ने का फरमान सुनाया है।
इस धमकी के बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर संदिग्ध तत्वों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। इस बीच, आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों गुटों ने कश्मीरी विस्थापितों को सुरक्षा का यकीन दिलाते हुए कहा कि वह इस धमकी को गंभीरता से न लें।
यह किसी सुरक्षा एजेंसी की कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी मुस्लिमों के बीच मतभेद पैदा करने की साजिश है। विभिन्न आतंकी संगठनों के साझा मंच यूनाइटेड जेहाद काउंसिल और हिजबुल मुजाहिदीन के सुप्रीमो सल्लाहुदीन ने भी कश्मीरी पंडितों को मिली इस धमकी की निंदा करते हुए इसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की साजिश करार दिया है।
आतंकी संगठन ने यह धमकी पोस्टर लगाकर नहीं बल्कि डाक के जरिये एक खत भेजकर दी है। यह खत बडगाम जिले के शेखपोरा इलाके में कश्मीरी पंडितों के लिए बनाई गई आवासीय कॉलोनी के अध्यक्ष के नाम भेजा गया है। जैश कमांडर जुबैर ने इस खत में कश्मीरी पंडितों को सात दिन के अंदर कश्मीर छोड़ने का फरमान सुनाया है।
खत में कश्मीर में गैर इस्लामिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर जेहाद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। इस धमकी के बाद न सिर्फ शेखपोरा में बल्कि वादी के अन्य हिस्सों में रह रहे कश्मीरी पंडितों में भी भय पैदा हो गया है।
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