अखाड़ा परिषद में एकजुटता के लिए आरएसएस सक्रिय हो गया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हरिद्वार में अखाड़ों के दोनों धड़ों के महंतों के साथ लंबी मंत्रणा की। प्रयाग कुंभ से पहले संघ अखाड़ों में एका के प्रयास में है क्योंकि उसका मानना है कि अखाड़ों का विघटन हिंदूवादी ताकतों को कमजोर कर रहा है।
हरिद्वार कुंभ के बाद से ही अखाड़ा परिषद में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। वैरागी की तीन अणियों सहित संन्यासियों के जूना, अग्नि व आह्वान अखाड़े महंत ज्ञानदास के साथ हैं। महंत बलवंत सिंह की अध्यक्षता वाली अखाड़ा परिषद में बाकी संन्यासी अखाड़े, उदासीन व निर्मल संप्रदाय के अखाड़े शामिल हैं।
शनिवार को अचानक हरिद्वार पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत रविवार को कई धर्माचार्यों से मिले। उन्होंने पूर्व गृहराज्य मंत्री और परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती से उनके आश्रम में मुलाकात की। स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने बताया कि चर्चा में संगठन को लेकर खास तौर पर विचार-विमर्श हुआ। भागवत ने सुबह शांतिकुंज पहुंचकर गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पंड्या और शैल जीजी से मुलाकात की।
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