हिन्दुओं की जनसंख्या का प्रतिशत कम करने के लिए मुसलमानों को चार-चार शादियां करने का अधिकार, जबकि उच्चतम न्यायालय कई बार देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता बनाने का आदेश दे चुका है।
शिक्षा संस्थाओं में हिन्दुओं को धार्मिक शिक्षा देने पर पाबंदी, किन्तु गैर-हिन्दुओं को स्वतंत्रता। इसकी व्यवस्था भारत के संविधान की धारा 20, 29 और 30 में ही कर दी गई। इतना ही नहीं सोनिया गांधी की यूपीए सरकार तो इस्लामी शिक्षा एवं कट्टरवाद को अत्यधिक प्रसारित करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पांच शाखाएं खोल रही है। इसके अतिरिक्त इस्लामी मदरसों को अत्यधिक धन का आवंटन भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
गैर-हिन्दुओं के लिए अल्पसंख्यक आयोग, जो अनेक संवेदनशील मामलों पर हिन्दू विरोधी और अल्पसंख्यकों के प्रति पक्षपात करता हुआ अनेक प्रकार से काम करता है।
भारत में हिन्दुओं को नकारते हुए गैर-हिन्दुओं (मुसलमान, ईसाई आदि) की आर्थिक शक्ति को अधिक बढ़ाने के लिए सरकारी खजाना लुटाया जा रहा है। हर चीज में छूट दी जा रही है। 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। इस प्रकार गैर-हिन्दुओं के मुकाबले में हिन्दू उद्योग और व्यवसाय में पिछड़ रहे हैं। गैर-हिन्दुओं की आर्थिक सहायता और उन्नति के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम का निर्माण किया गया।
संप्रग सरकार द्वारा केवल गैर-हिन्दुओं के हित साधने के लिए एक अलग अल्पसंख्यक मंत्रालय भी बना दिया गया है, जिसने मुख्य रूप से मुसलमानों को आर्थिक सहायता देने की योजनाएं बनाई हैं।
दक्षिण भारत के सभी विशाल हिन्दू मंदिरों का प्रबंधन सरकार द्वारा अपने हाथों में लिया जा चुका है और इन मंदिरों की आय का आधे से अधिक धन ईसाई और मुस्लिम संस्थाओं में बांटा जा रहा है।
भारत सरकार द्वारा मुसलमानों को हज यात्रा के लिए करोड़ों रुपए सरकारी कोष से दिये जाते हैं, जबकि संसार का अन्य कोई भी देश यहां तक कि सऊदी अरब या पाकिस्तान भी हज यात्रा के लिए धन नहीं देता। भारत में यह हिन्दू करदाता पर दंड ही है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री की 15 सूत्री योजनाओं द्वारा ईसाई, मुसलमान आदि के बच्चों को लाखों रु. छात्रवृत्तियां दी जाती हैं, किन्तु हिन्दू बच्चों को अधिक अंक लाने पर भी इन छात्रवृत्तियों से वंचित रखा जाता है।
यह सब इसीलिए हो रहा है कि हिन्दू अपने ऊपर हो रहे अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध आवाज नहीं उठाते, जबकि भारत सरकार को जो कर प्राप्त होता है उसमें से 95 प्रतिशत कर तो हिन्दुओं द्वारा ही दिया जाता है।
साभार : -डा. कैलाश चन्द्र
साभार : -डा. कैलाश चन्द्र
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