भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र का शुक्रवार की रात निधन हो गया। शनिवार को वह अपना 84 वां जन्म दिन मनाने वाले थे। भारत की विदेश नीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मिश्र हृदय की धमनियों की समस्या से पीड़ित थे।
वसंत कुंज स्थित फोर्टीज अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि रात करीब 9.50 बजे उन्हें अस्पताल लाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत लाया गया घोषित कर दिया। इससे पहले रात में उन्होंने घर में नौकर को खाना लाने के लिए कहा था, लेकिन जब वह आया तो उन्हें बेहोश पाया। मिश्र मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्र के पुत्र थे। इनके पिता इंदिरा गांधी के बेहद करीबी थे।
मिश्र राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त होने के पहले जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे तब उनके प्रधान सचिव थे। इसके पहले वह विदेश मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में काम किया।
वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान मिश्र ने वाजपेयी की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्ष 2004 में राजग सरकार के पतन और वाजपेयी के राजनीति से दूरी बना लेने के बाद मिश्र भी भाजपा से दूर हो गए। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच परमाणु करार का समर्थन किया था।
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