सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और रियल्टी कंपनी डीएलएफ के बीच हुईं जमीन डील्स की जांच का आदेश देने के कुछ घंटों के भीतर ही हरियाणा सरकार ने आईजी रजिस्ट्रेशन अशोक खेमका का तबादला कर दिया। खेमका ने डीएलफ-वाड्रा के बीच हरियाणा के चार जिलों गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल और मेवात में हुई जमीनों की खरीद-बिक्री की जांच शुरू करवाई थी। उन्होंने 15 अक्टूबर को ही मानेसर-शिकोहपुर की साढ़े तीन एकड़ जमीन का म्यूटेशन रद्द किया था, जिसे वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने डीएलएफ को 58 करोड़ में बेचा था।
आईएएस ऑफिसर खेमका की छवि एक ईमानदार अधिकारी की है। ऐसे में वाड्रा के मामले की जांच शुरू होते ही उनका ट्रांसफर होने से हरियाणा की हुड्डा सरकार कठघरे में आ गई है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश सरकार पर सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा को बचाने का आरोप लगया है। केजरीवाल ने कहा कि ईमानदार अधिकारी खेमका द्वारा जांच का आदेश देते ही उनका तबादला कर हरियाणा सरकार ने अपनी मंशा जता दी है।
अशोक खेमका ने भी आरोप लगाया है कि उनका तबादला कुछ सरकारी अफसरों और बिल्डरों की साठगांठ के खिलाफ कार्रवाई करने पर किया गया है। प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखी अपनी लिखी चिट्ठी में खेमका ने कहा कि उन्होंने आरोपी ऑफिसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की थी, आरोपी मेरा ही तबादला कर दिया गया।
खेमका तीन महीना पहले ही आईजी रजिस्ट्रेशन बनाए गए थे। वाड्रा-डीएलएफ डील की जांच के अलावा उन्होंने गुड़गांव के 7 गांवों की पंचायती जमीन को बिल्डरों को ट्रांसफर करने के मामले में गड़बड़ी का भी पर्दाफाश किया था। जमीन की बिक्री के गोरखधंधे में उन्होंने विभाग के ही दो ऑफिसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी सिफारिश की थी।
OOPS MAN .... OK LET WHERE U GO DO GOOD JOB...
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