बाबा रामदेव के गुरु शंकर देव जी की गुमशुदगी की जांच सीबीआई से कराने की उत्तराखंड सरकार की सिफारिश के बाद बाबा रामदेव भड़क गए और गांधी-नेहरू परिवार व कांग्रेस पर करारा हमला किया है। उन्होंने नाम लिए बिना कहा कि यह खूनी खानदान है, अपनों को भी नहीं बख्शती। केंद्र सरकार पर तीखे हमले करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि सभी घोटालों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जीप घोटाले से लेकर जीजाजी घोटाले तक की जांच होनी चाहिए।'
रामदेव ने अपने गुरु की गुमशुदगी की सीबीआई जांच के ऐलान का स्वागत किया। हालांकि, उन्होंने सीबीआई की साख पर सवाल उठाते हुए कहा कि जांच एजेंसी के ही इलाज किए जाने की जरूरत है। बाबा ने कहा,'सीबीआई को एक स्वतंत्र जांच एजेंसी की तरह काम करना चाहिए। बेहतर तो यह होगा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के जज से मुझसे संबंधित सारे मामलों की जांच करा ले।' उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपील करूंगा कि वे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में एक आयोग बनवाकर करवाएं।
बाबा रामदेव ने नाम लिए बिना गांधी परिवार को खूनी परिवार करार देते हुए कहा कि यह एक ऐसा खानदान है जिसने विरोधियों को तो छोड़िए, अपनो को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा, 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जयप्रकाश नारायण और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौतों की भी जांच होनी चाहिए। यहां तक इन्होंने अपने रिश्तेदारों तक को भी नहीं छोड़ा। रॉबर्ट वाड्रा के परिवार में हुईं मौतों की भी जांच हो।'
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में रॉबर्ट वाड्रा के पिता, भाई और बहन की मौत हो चुकी है।
बाबा ने कहा, 'मेरे ऊपर हमला कांग्रेस के एक महासचिव के इशारे पर किया जा रहा है। यह एक साजिश है।' उन्होंने कहा कि मैं किसी जांच के खिलाफ नहीं, लेकिन यह सब कांग्रेस एक महासचिव करवा रहे हैं। जाहिर है उनका इशारा कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की तरफ था। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि महासचिव महोदय देश की धरोहर हैं।
गौरतलब है कि शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार ने बाबा के गुरु शंकर देव जी की गुमशुदगी की जांच की सिफारिश की थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी यह सिफारिश स्वीकार नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि वह इसे स्वीकार कर लेगी। उत्तराखंड में इस वक्त कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में सीबीआई जांच की सिफारिश को कांग्रेस की गुरु के बहाने बाबा को घेरने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
बाबा रामदेव के गुरु 80 साल के स्वामी शंकर देव 2007 में हरिद्वार के कनखल आश्रम से रहस्यमय तरीके से गायब हो गए थे। आज तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की ओर से गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई, मगर जांच बेनतीजा रही। फाइल आखिर बंद कर दी गई।
पिछले साल रामलीला मैदान में रामदेव समर्थकों पर पुलिस कार्रवाई के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि रामदेव ने ही अपने गुरु को गायब करवाया है। रामदेव, दिग्विजय के इस आरोप पर बुरी तरह भड़क गए थे। उन्होंने तब कहा था कि गुरु की गमुशुदगी को मुद्दा बनाकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है।
रामदेव ने सफाई दी थी कि जुलाई 2007 में जिस वक्त उनके गुरु लापता हुए, उस समय वह खुद ब्रिटेन में थे। उत्तराखंड की पुलिस इस मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट में कह चुकी है कि शंकर देव के बारे में अभी तक न कुछ पता चला है और न ही पता चलने की संभावना है।
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