गज़ा पट्टी में फलस्तीनी चरमपंथियों ने यरूशलम पर एक रॉकेट से हमला किया है. फलीस्तीनी संगठन हमास ने कहा कि इस रॉकेट का निशाना इसराइली संसद नीसेट था.ये रॉकेट यरूशलम शहर से बाहर गिरा औऱ किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
पिछले कई दशकों में ये पहली बार है कि यरूशलम को निशाना बनाया गया है और गज़ा पट्टी से इस तरह का ये पहला हमला है. इस हमले के बाद इसराइल ने 75000 अतिरिक्त सैनिकों को तैयार रहने का निर्देश दिया है.
इस बीच फलस्तीनी मिसाइलों ने लगातार दूसरे दिन भी इसराइल की राजधानी तेल अवीव को निशाना बनाया. रिपोर्टों के मुताबिक एक दूसरा मिसाइल समुद्र में गिरा है.
मिसाइल के ये हमले हैरान करने वाले है क्योंकि किसी को ये भरोसा नहीं था कि फलस्तीनी संगठन इतनी दूर कर मिसाइल से हमला कर सकते हैं.
इस बीच इसराइल ने 75000 अतिरिक्त सैनिकों को तैयार रहने का निर्देश दिया हैं और कहा है कि ग़जा पट्टी पर हमले और तेज़ हो सकते हैं.
सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, "आज कि रात गज़ा में शांति की रात नहीं होगी."
बुधवार को इसराइल द्वारा हमास के एक सैन्य प्रमुख की हत्या के बाद इलाक़े में तनाव बढ़ गया है.
बुधवार के बाद फैली हिंसा में तीन इसराइली और 20 फलस्तीनी मारे गए हैं.
फलस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक मारे गए लोगों में आम नागरिक और कम से कम पांच बच्चे शामिल हैं. मारे गए लोगों में हमास के एक प्रमुख सैन्य अधिकारी अहमद जबारी शामिल हैं जो बुधवार के हवाई हमले में मारे गए थे.
इस बीच इसराइल और हमास में बढ़ते तनाव के बीच ग़ज़ा के दौरे पर पहुंचे मिस्र के प्रधानमंत्री हिशाम कांदिल का कहना है कि 'गज़ा में तबाही मची है' और इसराइल को हवाई हमले तुरंत बंद करने चाहिए.
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