पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों को अब अपने परंपराओं एवं रीतिरिवाजों के अनुसार मृत शवों का क्रियाक्रम करने की अनुमति नहीं दी जा रही हैं। इतना ही नहीं इसके लिए यहां रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों के लिए श्मशान भूमि तक नहीं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
1947 से अब तक डेरा इस्माइल खान में रहने वाले एक मात्र हिंदू पंडित खडगे लाल के शव को ही हिंदू रीतिरिवाजों के तहत अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी गई। पाकिस्तान में इस मामले पर गठित स्टैडिंग समिति ने एक रिपोर्ट तैयार कर अपनी सिफारिशों को सरकार को सौंप दिया हैं।
डेरा इस्माइल खान स्थित मेडियन कॉलोनी में पहले एक श्मशान रहा था। साथ ही यहां टाउन हॉल में भी एक श्मशान घाट था जिसकी निलामी हो चुकी हैं।
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