विपरीत हालात के चलते पाकिस्तान छोड़कर भारत आ रहे हिन्दुओं की कई तरह की दर्दनाक कहानियां हैं । उनका कहना है कि हालात ये हैं कि वे अपने वतन में कट्टरपंथियों के चलते खुलकर दीपावली जैसे पर्व भी नहीं मना सकते। वहां की सरकार के प्रयास निर्थक साबित होते हैं और कट्टरपंथी हमेशा हावी रहते हैं।
दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में पाकिस्तान छोड़कर आए ऐसे बहुत से हिन्दू हैं जिनके दर्द की कहानी खत्म होती नजर नहीं आती। वे तमाम तरह की बाधाओं के बावजूद भारत छोड़कर पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते। उनका कहना है कि वे भारत में लोगों और सरकार की सहानुभूति के आधार पर रह पा रहे हैं। उन्हें यहां की नागरिकता मिले या नहीं मिले..वीजा अवधि विस्तारित हो या नहीं, वे भारत छोड़कर नहीं जाएंगे।
दिल्ली के मजनूं का टीला में रहने वाले विनोद कुमार ने कहा कि उनका परिवार तीन साल पहले पाकिस्तान छोड़कर आया था और भारत में ही रह गया। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले विनोद ने भाषा को बताया कि पाकिस्तान में कट्टरपंथी इतने हावी हैं कि हिन्दू लोग खुलकर दीवाली जैसे पर्व भी नहीं मना सकते। 34 वर्ष के विनोद ने कहा कि जब तक वह पाकिस्तान में रहे, तब तक वह दीवाली पर कभी भी आतिशबाजी नहीं कर पाए।
दिल्ली में सब्जी बेचकर गुजर बसर कर रहे विनोद की पत्नी निधि ने कहा कि पाकिस्तान में कंट्टरपंथियों के प्रभाव वाले इलाकों में हिन्दू महिलाएं करवा चौथ का त्यौहार भी घरों में कैद रहकर ही मनाती हैं। हिन्दू महिलाएं इस दिन श्रृंगार करके बाहर निकलने से कतराती हैं। बिजवासन में रह रहे करीब 40 हिन्दू परिवारों की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। इन लोगों का कहना है कि वह पिछले कई साल से भारत में दीवाली और ईद जैसे त्यौहारों का जश्न देख रहे हैं। इस तरह की स्वतंत्रता उन्होंने पाकिस्तान में कभी नहीं देखी।
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