राजधानी के मुनीरका में चलती बस में हुई बलात्कार की वारदात के बाद देश के कई मां-बाप होंगे जिन्हें रात को नींद नहीं आयी होगी। उनमें से सांसद जया बच्चन भी हैं। जया बच्चन की भावनाएं संसद में उस समय उमड़कर बाहर आ गईं, जब इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई। चर्चा के दौरान जया बच्चन ने कहा कि अगर हम बलात्कार की वारदतें नहीं रोक सकते, तो देवी की पूजा बंद कर देनी चाहिये। जया बच्चन भावुक हो उठीं और बोलीं, "सभापति जी, दिल्ली में जो घटना हुई है, उससे देश का सिर शर्म से झुक गया है।"
उन्होंने कहा, "सबसे बड़ी शर्म की बात तो यह है कि जो महिला पत्रकार इस वारदात को कवर करने गई उसके साथ भी छेड़छाड़ हुई। मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या बोलूं। मैं हिल गई हूं। हमारे देश में महिला को दुर्गा मां की तरह पूजा जाता है। आज सब बातें किनारे हो गई हैं। हर रोज देश भर में महिलाओं की इज्जत लुट रही है। अगर ऐसा ही चलता रहे, तो हमें देवी की पूजा करनी बंद कर देनी चाहिये।"
जया बच्चन ने आगे कहा, "देश में जो आंकड़े हैं वो रजिस्टर्ड हैं, न जाने उनके अलावा कितनी वारदातें रोज होती हैं....।" इससे पहले जया अपनी बात पूरी कर पातीं, उपसभापति ने उन्हें रोक दिया और कहा कि टाइम पूरा हो गया है। जया बच्चन ने कहा, "यह महिलाओं से जुड़ा गंभीर मुद्दा है, इसमें टाइम नहीं देखना चाहिये।" तब उपसभापति बोले, "बैठ जाइये जया जी दूसरों को मौका दीजिये।"
जया ने कहा, "जब मुद्दा उठा है तो मुझे बोलने से क्यों रोका जा रहा है।" उपसभापति ने कहा, "आपको नोटिस देकर बोलना चाहिये"। यहां पर जया का जो जवाब था वो दिल को झकझोर देने वाला था। जया ने कहा, "बलात्कारी नोटिस देकर बलात्कार नहीं करता है उपसभापति जी।" देखते ही देखते उपसभापति ने दूसरे वक्ता को बोलने को कह दिया। अब देखिये हमारे देश की संसद में जब एक महिला सांसद महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर बोलती है, तो उसे कैसे रोक दिया जाता है।
सच पूछिए तो यह भी शर्मनाक है। हालांकि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती और लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की बात कही। वहीं नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि इन बलात्कारियों को फांसी की सजा होनी चाहिये।
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