मुंबई के तीन कांग्रेस सांसद प्रिया दत्त, संजय निरुपम एवं गुरुदास कामत मनपा के टिकट बंटवारे को लेकर मुंबई कांग्रेस नेतृत्व से नाराज दिख रहे हैं। इनमें सांसद प्रियादत्त की नाराजगी तो इतनी जबर्दस्त है कि वह अपने पद से त्यागपत्र तक देने की तैयारी कर चुकी थीं, लेकिन उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में उनके घर पर डेरा डालकर उन्हें ऐसा करने से रोका ।
प्रियादत्त कहती हैं कि पिछली मनपा में सभासद रहे उनके तीन समर्थकों का टिकट जानबूझकर काट दिया गया है, जबकि मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह का कहना है कि इन तीनों सभासदों ने पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के अधीकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध काम किया था ।
दो पर तो वह स्वयं को ही हरवाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हैं। सिंह का यह भी कहना है टिकट बंटवारे का निर्णय स्वयं उनकी अध्यक्षतावाली एक 10 सदस्यीय समिति ने किया है, न कि अकेले उन्होंने। इसके बावजूद टिकट बंटवारे में यदि कोई विवाद रह गया तो उसे मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष एवं केंद्रीय पर्यवेक्षक भरतसिंह सोलंकी ने मिलकर उसका निर्णय किया है।
कामत और संजय निरुपम के समर्थकों की ओर से भी मुंबई नेतृत्व से नाराजगी जताई जा रही है। कामत के पुराने संसदीय क्षेत्र उत्तर-पूर्व मुंबई में उनकी सलाह न माने जाने से उनके एक भी समर्थक को टिकट नहीं मिल पाया है, जबकि वह पिछले 25 साल से इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। इस क्षेत्र में कांग्रेस के पास 26 सीटें हैं, लेकिन इनमें से एक भी सीट कामत समर्थक को नहीं दी गई है।
यह संसदीय क्षेत्र फिलहाल राकांपा के पास है, और यहां से एक भी विधायक कांग्रेस का नहीं है । संजय निरुपम की नाराजगी उनके निजी सचिव विश्वबंधु राय को उम्मीदवारी न मिलने को लेकर है। निरुपम राय के लिए जिस सीट से उम्मीदवारी चाहते थे, वह सीट कांग्रेस के विधायक रमेश सिंह के पुत्र सागर सिंह को दे दी गई है।