इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि 13 फरवरी को नई दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास की एक महिला राजनयिक पर हुये हमले के संबंध में ईरान की स्पष्ट भूमिका को लेकर भारत के पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं लेकिन ईरान के साथ तल्खी को बढावा देने से बचने के लिये वह इन्हें सार्वजनिक नहीं कर रहा है.
इजरायली दैनिक हारेत्ज ने एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी के हवाले से बताया कि भारतीय जांच एजेंसियों ने इस हमलें में इस्तेमाल हुई मोटरसाईकिल तथा उसके मालिक का पता लगा लिया है और उन्हें यह भी मालूम चल चुका है कि हमलावर कैसे और कहां से भारत आये थे.
अखबार की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय एजेंसियां इस मामले को पूरी तरह से हल करने के करीब हैं लेकिन इस मामले की तहकीकात को सार्वजनिक किये जाने के दबाव से बचने और कई दूसरे महत्वपूर्ण निर्णयों के लिये अधिक समय तलाशने के इरादे से इस मामले की जांच को जारी रखने का निर्णय लिया गया है.
उल्लेखनीय है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली विस्फोट की जांच के दौरान अभी किसी देश या संगठन के बारे में कोई निश्चित सुराग नहीं मिला है. दिल्ली स्थित ईरान के राजदूत मेंहदी नबीजादे भी विस्फोट के पीछे उनके देश का हाथ होने के इजराइल के आरोपों को खारिज कर चुके हैं.
अखबार की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारतीय जांचकर्ताओं को जार्जिया और थाईलैंड में हुये धमाको ंके बाद वहां भी रवाना किया गया था. जांचकर्ताओं ने तीनों देशों के धमाकों में समानता वगैरह का पता लगाने के लिये विस्फ्टोकों का मिलान किया और उन्हें इसमें ईरान का हाथ होने का सुबूत भी मिला.
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय एजेंसियों को इस मामले की जांच में अमेरिका और इजरायल की ओर से तो भरपूर सहयोग मिला ही है लेकिन बहुत सा काम उन्होंने अपने दम पर ही किया है.
उल्लेखनीय है कि 13 फरवरी को इजरायल के भारत स्थित दूतावास की एक महिला राजनयिक की गाडी में अज्ञात हमलावरों ने विस्फोट कर दिया था जिसमें महिला और दूसरे कुछ लोग गंभीर रप से घायल हो गये थे. इस बीच जार्जिया स्थित इजरायली दूतावास की गाडी में लगाये गये बम को नाकाम कर दिया गया.
इस घटना के अगले ही दिन थाईलैंड के बैंकाक शहर में तीन धमाके हुये जिनमें से एक में बम फेंकते वक्त ईरानी मूल का हमलावर गंभीर रप से घायल हो गया था.