उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि अयोध्या का विवादित ढांचा उन्हीं के इशारे पर गिराया गया था। उत्तर प्रदेश के एटा में उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद गिराए जाने की पूरी जिम्मेदारी उनकी है। उन्होंने कहा कि मैंने ही आदेश दिया था कि कारसेवकों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
करीब 20 साल बाद कल्याण सिंह ने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा, 'जहां तक 6 दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचे को गिराए जाने का सवाल है, तो यह जिम्मेदारी मैं अपने ऊपर लेता हूं। मैंने ही आदेश दिया था कि कारसेवकों पर गोली नहीं चलेगी। इसीलिए प्रशासन ने गोली नहीं चलाई। मैंने यह आदेश भी दिया था कि अधिकारियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाए।' कल्याण सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने मामले की जांच कर रहे लिब्रहान कमिशन के सामने भी यही बयान दिया था।
गौरतलब है कि जिस वक्त अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी, उस वक्त कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। इन दिनों कल्याण सिंह की बीजेपी में वापसी की अटकलें चल रही हैं। एटा में कल्याण सिंह ने कहा कि राष्ट्रवादी ताकतों को एकजुट करने के मकसद से वह अपने दल 'जन क्रांति पार्टी' का बीजेपी में विलय कर देंगे। बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी ऐसे संकेत दे चुके हैं कि कल्याण की पार्टी में वापसी हो सकती है।
यूपी की राजनीति के हाशिए पर पहुंच चुके कल्याण सिंह ने एक बार फिर से राम मंदिर मुद्दा उछालने की कोशिश की है। इस वक्त 20 साल पुराने मुद्दे पर बयान देकर वह खोया हुआ जनाधार वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं। भले ही 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के साथ ही कल्याण सिंह की सरकार भी गिर गई थी, लेकिन इसी मुद्दे को भुनाकर बीजेपी केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब रही थी।
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