बांग्लादेश में जन्मी लेखिका तसलीमा नसरीन ने आज कहा कि उन्हें ‘बांग्लादेशी लेखिका’ न कहकर सिर्फ ‘लेखिका’ कहा जाये क्योंकि 20 साल पहले उस ‘मूखर्’ देश ने उन्हें बाहर कर दिया और कभी प्रवेश नहीं करने दिया।
महिलाओं के अधिकारों के पक्ष में और धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ अक्सर तीखे हमले करने वाली तसलीमा ने माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा कि मुझे केवल ‘लेखिका’ बुलाए न कि ‘बांग्लादेशी लेखिका’ । इस मूर्ख देश ने मुझे 20 साल पहले बाहर कर दिया था और मुझे कभी प्रवेश नहीं करने दिया।
उन्होंने कहा कि (बांग्लादेश नाम) मेरे नाम के साथ जोड़े जाने के योग्य भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि तसलीमा नसरीन की विवादास्पद किताब ‘लज्जा’ के बाजार में आने के बाद बांग्लादेश में उनके खिलाफ मौत का फतवा जारी कर दिया गया था और वर्ष 1994 से वह निवार्सन में रह रही हैं । इस दौरान यूरोप, अमेरिका में कई साल तक रहने के बाद वह अब भारत में रह रही हैं।
0 comments :
Post a Comment