संप्रग, कांग्रेस और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले करीब सात सालों में लगभग 50 बार वायुसेना के विमानों और हेलाकाप्टरों का उपयोग किया जिनमें से सबसे ज्यादा 23 बार वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सह यात्री थीं।
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक 2006-07 से सितंबर 2012 के बीच उन्होंने 49 बार वायु सेना के विमानों और हेलीकाप्टरों से यात्रा की जबकि राहुल गांधी ने 2008-09 से सितंबर 2012 तक आठ बार वायु सेना के विमानों और हेलीकाप्टरों का उपयोग किया। सोनिया गांधी या राहुल गांधी अपने नाम से वायुसेना का विमान या हेलीकाप्टर आरक्षित कर यात्रा करने की पात्रता नहीं रखते हैं। इसके लिए उन्हें ऐसी पात्रता रखने वाले के साथ यात्रा करनी होती है।
वायुसेना के मुताबिक, नियमों के तहत वायुसेना के विमानों का उपयोग करने के पात्र व्यक्ति अपनी यात्रा के उद्देश्यों के लिए किसी व्यक्ति को अपने साथ ले जा सकते है। केंद्र सरकार के अन्य मंत्री भी प्रधानमंत्री से मंजूरी प्राप्त कर वायुसेना के विमानों का उपयोग कर सकते हैं और सरकारी कार्यो के लिए जरूरत के अनुरूप किसी व्यक्ति को अपने साथ ले जा सकते हैं। प्रधानमंत्री के बाद सोनिया गांधी के साथ सबसे ज्यादा यात्रा करने का सौभाग्य रक्षा मंत्री एके एंटनी और पूर्व विदेश एवं वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी (अब राष्ट्रपति) को मिला। इन दोनों के साथ सोनिया गांधी ने छह-छह बार वायुसेना के विमान एवं हेलीकाप्टर से यात्रा की।
रक्षा मंत्री एके एंटनी की संसद में सात मई 2012 को दी गई जानकारी के अनुसार नियमों के तहत, प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री सरकारी कामकाज के लिए वायुसेना के विमानों का उपयोग करने के पात्र हैं जबकि गैर सरकारी कार्यों के लिए केवल प्रधानमंत्री वायुसेना के विमानों का उपयोग कर सकते हैं।
हिसार स्थित आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने रक्षा मंत्रालय एवं वायुसेना मुख्यालय से वायुसेना के वीआईपी वायुयान और हेलीकाप्टरों से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की यात्रा एवं खर्च के बारे में जानकारी मांगी थी। मिली जानकारी के अनुसार, 30 सितंबर 2012 तक सोनिया गांधी की यात्रा के किराये के मद में कर्नाटक सरकार पर एक करोड़ 17 लाख 15 हजार 83 रूपये और राहुल गांधी की यात्रा के मद में असम सरकार पर आठ लाख 26 हजार 457 रूपये बाकी है। चूंकि दोनों कांग्रेस नेताओं ने इनके नाम पर विमान आरक्षित कराकर यात्रा की थी इसलिए देनदारी भी इन्हीं दोनों सरकारों की बनती है।
सोनिया गांधी ने 49 बार वायुसेना के विमान की सेवाएं ली जिसमें 42 बार उन्होंने इन सेवाओं का उपयोग प्रधानमंत्री या किसी ऐसे पात्र व्यक्ति के नाम पर किया जिन्हें इसके बदले कोई भुगतान नहीं करना पड़ता है। उन्होंने सात बार प्रधानमंत्री की स्वीकृति से ऐसे मंत्रियों आदि के साथ यात्रा की जिन्हें इसके बदले वायुसेना को भुगतान देय होता है। ऐसे ही छह मामलों में किराये के रूप में 96 लाख रूपये का भुगतान किया गया। जबकि एक बार की यात्रा का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
सोनिया गांधी ने कर्नाटक की यात्रा बाढ़ के हालात का जायज़ा लेने के लिए की थी परंतु वहां की भाजपा सरकार इस राशि का भुगतान नहीं कर रही है। राहुल गांधी ने चार वर्षो में आठ बार वायु सेना के हेलीकाप्टरों का उपयोग किया जिसमें से उन्होंने चार बार यात्रा पात्र व्यक्ति के नाम पर की जिसका कोई भुगतान नहीं होना था। वहीं उन्होंने 27 जनवरी 2009 को तब के रेल मंत्री लालू प्रसाद के नाम पर आरक्षित विमान से दिल्ली-फुर्सतगंज-दिल्ली की यात्रा की थी जिसके बदले संबंधित मंत्रालय 14 लाख रूपये का भुगतान कर चुका है।
राहुल ने हाल में दो बार असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई के नाम आरक्षित विमान से यात्रा की। इनमें से दो मई 2012 को वह गुवाहाटी-धुबरी-गुवाहाटी की यात्रा पर थे जिसके एवज में अभी तक आठ लाख 26 हजार 457 रूपये का भुगतान असम सरकार ने नहीं किया है। जबकि 11 सितंबर 2012 को हुई गुवाहाटी-कोकराझार की यात्रा के किराये की गणना अभी वायुसेना कर ही रही है।
0 comments :
Post a Comment