सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नई दवाओं के अनियंत्रित ट्रायल पर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा कि नयी दवाओं के तमाम क्लिनिकल परीक्षण स्वास्थ्य सचिव की निगरानी में होने चाहिएं।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस बात के लिए डांट लगाई कि वह अवैध क्लीनिकल परीक्षणों को होने से रोकने में असमर्थ रही और कहा कि ऐसे दवा परीक्षणों पर रोक लगाई जाए ।
गौरतलब है कि देश में पिछले ढाई साल में दवा परीक्षण के दौरान 1,317 लोगों की मौत हुई। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए नये नियमों का प्रावधान करके मुआवजा प्रदान करने संबंधी मसौदा अधिसूचना जारी की। दवा परीक्षण के दौरान 2010 में 668, 2011 में 438 और जून 2012 तक 211 लोगों की मौत हुई। 2010 में तीन कंपनियों, 2011 में पांच कंपनियों और 2012 एक कंपनी पर क्लिनिकल परीक्षण के दौरान अनियमितता के आरोपों पर कार्रवाई की गई।
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