दिग्विजय ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उसकी नजर में आरएसएस और तालिबान के बीच कोई खास अंतर नहीं है, क्योंकि दोनों कट्टरवादी संगठन हैं।
राघोगढ़ नगर पालिका चुनाव की सभा को संबोधित करने के बाद कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘वह ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि दोनों कट्टरवादी हैं और दोनों हमको वापस 18वीं सदी में धकेलना चाहते हैं।’ सिंह ने कहा, ‘केवल कट्टरपंथी ही महिलाओं के लिए ड्रेस कोड की बात करते हैं, ताकि इसकी आड़ में वे अपने दुर्व्यवहार को छिपा सकें।’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब संघ महिलाओं के लिए जीन्स, कंप्यूटर और मोबाइल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की मांग करे।
उन्होंने कहा,‘अगर संघ को भारतीय संस्कृति से इतना ही प्यार है तो उसके स्वयंसेवक पश्चिमी सभ्यता की पैंट क्यों पहनते हैं।’
सिंह ने कहा, ‘बेहतर होगा कि संघ के स्वयंसेवक भारतीय संस्कृति की धोती को पहनना शुरू करें।’
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति यह सिखाती है कि उसी घर में खुशी रहती है जहां पर महिलाओं का सम्मान होता है और जहां उनकी इज्जत नही होती वहां खुशी नही होती।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इसके विपरीत आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने यह कहा है कि विवाह एक समाजिक समझौता है, जिसके तहत आदमी को काम करना चाहिए और महिला को घर के अंदर रहना चाहिए।
सिंह ने मध्यप्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के महिलाओं को ‘लक्ष्मण रेखा’ के भीतर रहने संबंधी बयान की निंदा की उन्होंने कहा कि अपने बयान से विजयवर्गीय ने केवल नारी जाति का ही नही बल्कि भगवान राम और सीता का भी अपमान किया है।
Digvijay ek kutte ka pille hai.
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