गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे की हिन्दू आतंक संबंधी टिप्पणी को सरकार की विफलता से ध्यान बंटाने की एक चाल करार देते हुए भाजपा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस संसद के भीतर और बाहर इस ‘अपमान’ के नतीजे भुगतने पड़ेगे।
पार्टी ने कहा कि वह आगामी बजट सत्र में इस मुद्दे को संसद में उठाएगी। शिंदे का बहिष्कार करना उन प्रस्तावों में शामिल है जिस पर वह गंभीरता से विचार कर रही है। भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि शिन्दे ने भाजपा और आरएसएस पर आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने में शामिल होने का आरोप लगाकर ‘राष्ट्र, उसकी परंपराओं एवं उसकी संस्कृति’ का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के बयान से जमात उद दावा एवं लश्कर-ए-तोएबा जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों को फायदा मिला है।
जोशी ने कहा कि शिंदे को कांग्रेस चिन्तन शिविर में ऐसी टिप्पणी करने की क्या जरूरत थी। इसका यही अर्थ है कि यह कांग्रेस की सोची समझी रणनीति थी। यह आतंरिक सुरक्षा को बेहतर बनाने एवं सीमाओं पर शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी विफलता से ध्यान बंटाने की एक चाल है। भाजपा नेता ने संरा सुरक्षा पषिद के प्रतिबंध संबंधी प्रस्ताव का हवाला दिया जो जून 2009 में पारित किया गया था। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि लश्कर-ए-तोएबा के मुख्य संयोजक आरिफ कसमानी ने समझौत विस्फोट के लिए धन दिया था और अल कायदा ने इसके लिए धन उपलब्ध कराया था।
जोशी ने कहा कि पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने जनवरी 2010 में कहा था कि विस्फोट के लिए पाकिस्तानी आतंकवादियों को भाड़े पर लिया गया था
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