ईसाई बने वाल्मीकि समुदाय के लोगों के दोबारा हिंदू धर्म में वापसी को लेकर हिंदू व ईसाई संगठनों में ठन गई है। हिंदू संगठन जहां चंगाई सभा का विरोध करते थे, वहीं अब ईसाई घर वापसी समारोहों का विरोध कर रहे हैं। गांव शाहपुर में हुए समारोह को लेकर ईसाई समुदाय के लोग ज्यादा विरोध में हैं। इसी विरोध के चलते ईसाई समुदाय के लोगों ने विभिन्न जिलों की तरफ मंगलवार को गुरदासपुर के जिलाधीश डा. अभिनव त्रिखा को ज्ञापन सौंपा।
गौरतलब है कि धर्मातरण को लेकर ईसाई व हिंदू संगठनों में काफी समय से जद्दोजहद चल रही है। राज्य में वाल्मीकि समुदाय के लोगों की काफी संख्या है जिन्होंने आजादी से पहले से बाद तक ईसाई समुदाय को अपनाया। हिंदू संगठन वाल्मीकि समुदाय सहित सिख समुदाय के उन लोगों को दोबारा उनके धर्म में लाने की कोशिश कर रहा है। इस काम में गत दिनों हिंदू संगठनों को भारी सफलता मिली है। धर्मातरण को लेकर ईसाई व हिंदू संगठनों में रस्साकशी-सा मुकाबला है।
गांव शाहपुर (दसूहा) में गत दिनों हुए वाल्मीकि समागम ने तो दोनों गुटों में तकरार बढ़ा दी है। ईसाई समुदाय के लोग मुख्यमंत्री व अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिख कर हिंदू संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
ईसाई संगठन मायनोरिटी मोर्चा के जिला प्रधान स्टीफन मसीह, उपप्रधान मजीद मसीह व आल इंडिया मसीह दल के अल्बर्ट गिल ने कहा कि शाहपुर समारोह में ईसाई समुदाय व मिशनरियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। ईसाई बन चुके वाल्मीकि समुदाय के लोगों को एससी सर्टीफिकेट बनाने सहित कई सुविधाओं का लालच देकर हिंदू बनाया जा रहा है। इस समारोह में सरकारी तंत्र ने हिंदू संगठनों का पूरा सहयोग किया। पंजाब में हिंदू संगठनों की कार्रवाई के कारण अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय सहमा हुआ है। ईसाई धर्म के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है जिसके संबंध में सरकार को बनती कार्रवाई करनी चाहिए।
इस संबंध में धर्म जागरण मंच के पंजाब प्रमुख राम गोपाल का कहना है कि किसी धर्मातरित व्यक्ति को उसके मूल धर्म में वापस आने को बाधित नहीं किया गया। वाल्मीकि लोगों ने खुद इच्छा जताई कि वे हिंदू धर्म में वापसी चाहते हैं। उन्होंने इस बात को सार्वजनिक किया कि ईसाई मिशनरियों के बहकावे में वह क्रिश्चियन बने थे। वाल्मीकि लोगों की मूल धर्म में वापसी को लेकर ईसाई बौखलाए हुए हैं। एक गांव में 43 वाल्मीकि परिवारों में से 38 ने मूल हिंदू धर्म में वापसी की। लोग स्वेच्छा से मूल धर्म में वापसी कर रहे हैं। ईसाई मिशनरियों का मायाजाल खत्म हो रहा है जिस कारण वे हिंदू संगठनों के खिलाफ गलत ब्यानबाजी कर रहे हैं और अल्पसंख्यक होने की दुहाई दे रहे हैं।
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