हेलिकॉप्टर घोटाले में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद के भाई का नाम सामने आ रहा है।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पूर्व कोयला राज्यमंत्री संतोष बागरोड़िया के भाई सतीश बागरोड़िया चंडीगढ़ की उस कंपनी में डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं, जिस पर आरोप है कि उसने ऑगस्ता वेस्टलैंड डील में रिश्वत देने के लिए पैसे लिए थे। गौरतलब है कि इसके पहले बागरोड़िया पर अपने भाई की कंपनी को कोयला ब्लॉक दिलाने के आरोप लगे थे।
अखबार की खबर के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री के छोटे भाई सतीश बागरोड़िया चंडीगड़ की सॉफ्टवेयर कंपनी आईडीएस इन्फोटेक के डायरेक्टर हैं। इटैलियन जांच कर्ताओं ने आईडीएस को अगल्ता वेस्टलैंड से हुए सौदे में रिश्वत की रकम भारत पहुंचाने में शामिल होने का दावा किया है। आरोप है कि कंपनी ने फर्जी सॉफ्टवेयर और इंजिनियरिंग प्रोजेक्ट बनाकर इटली की कंपनी से भारत में पैसा मंगवाया था। इटली के जांचकर्ताओं का मानना है कि 1 मार्च 2007 को दोनों फर्मों के बीच हुआ करार दलाली की रकम को भारत पहुंचाने के लिए किया गया।
खबर के मुताबिक, कृष्ण प्रताप अग्रवाल आईडीएस इन्फोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। सतीश बागरोड़िया और उनके दो बेटे मनीष और आशीष कंपनी के डायरेक्टर हैं। कंनपी में सतीश और मनीष की नियुक्ती 1989 में हुई, जबकि आशीष 2005 में कंपनी में डायरेक्टर बने।
इस मामले पर पूर्व मंत्री संतोष बागरोड़िया ने कहा कि मेरा अपने भाई के बिजनेस से कोई लेना-देना नहीं है। 1986 में राजनीति में कदम रखने के बाद हमारे चारों भाइयों ने अपना बिजनस अलग-अलग कर लिया था। भाइयों के बिजनस से अब मेरा कोई मतलब नहीं।
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