पंढरपुर के मांसबिक्री की दुकान चलाने वाले मुख्तार बेद्रेकर (आयु ६० वर्ष ) नामक धर्मान्ध ने एक ४० वर्षीय विकलांग अवस्था की विधवा हिंदू महिला पर बलात्कार किया । आज तक सर्वपक्षीय राजनेताओं द्वारा की गई धर्मांध धर्मान्धों की चापलूसी के कारण ही हमने कुछ भी किया, तो हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड सकता यह निश्चित रूपसे मालूम होने के कारण वासनांध इस प्रकार की उद्दंडता करते हैं ! इस स्थितिमें परिवर्तन करने हेतु हिंदू राष्ट्र स्थापित करना अनिवार्य है ! इस कारण संपूर्ण नगर में संताप व्यक्त किया जा रहा है तथा इस घटना के निषेधार्थ बंद रखा गया । हिंदू महिलाओंपर अत्याचार होने पर हिंदू केवल बंद रखते हैं अथवा प्रदर्शन करते हैं; परंतु धर्मान्ध उनके संदर्भ में किसी घटना के होने पर सीधे कानून को हाथ में लेकर दंगा मचाते हैं !
हाल-ही में इस महिला के पति का स्वर्गवास हुआ था । तदुपरांत यह महिला अपने दो बच्चोंके साथ बेद्रेकर के घर मे किराये पर रहती थी । उस महिलाको दो बार लकवे का / पक्षपात का झटका आने के कारण वह विकलांग अवस्था में रहती थी । २६ सितंबरको बेद्रेकर ने उसपर बलात्कार किया । बच्चे घर पर आने के उपरांत उस महिलाने बच्चों को इस घटनाकी जानकारी दी । बच्चोंके पुलिस थाने में जाने पर पुलिसकर्मी ने उनसे कहा, ‘’आप परिवाद (FIR) प्रविष्ट करनेकी झंझट में न पडें । इससे आपकी अपकीर्ति होगी तथा आपका कोई लाभ नहीं होगा ।‘’ वैचारिक सुन्नत हुए शासकों के भीगी बिल्ली बने पुलिसकर्मी क्या कभी हिंदुओं को न्याय मिलाकर दे सकते हैं ? अतः उन बच्चों ने कराड नाके के समीप के कुछ सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों को मिलकर यह घटना बताई, जिससे उन्होंने वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालासाहेब रेड्डी को यह घटना बताकर परिवाद प्रविष्ट करनेके लिए विवश किया ।
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