राष्ट्रवादी सभा के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेंद्र गुर्जर पर रासुका लगाए जाने से एक बार फिर हिंदू संगठनों एवं भाजपा में उबाल आ गया है। भाजपा ने 24 सितंबर तक रासुका नहीं हटाए जाने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
भाजपा नेता वीरेंद्र गुर्जर को 7 सितंबर की हिंदू धर्म संसद से पहले साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया गया था। इन पर मुस्लिम संप्रदाय के विरुद्ध आपत्तिजनक भाषण देकर हिंदू संप्रदाय को उद्वेलित करने जैसे आरोप लगाए गए थे। जिला प्रशासन द्वारा शासन को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि उनके भाषणों के कारण ही सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत आदि जनपदों में सांप्रदायिक दंगे भड़के और कई लोगों की जान गई। इस रिपोर्ट पर ही शासन ने वीरेंद्र गुर्जर पर रासुका लगाने की हरी झंडी दी है। जानकारी होते ही भाजपा व हिंदू संगठनों में उबाल आ गया और उन्होंने शासन प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई के आरोप लगाए।
भाजपा नेताओं ने जिलाध्यक्ष मानवीर सिंह पुंडीर एवं पूर्व प्रदेश सचिव जसवंत सैनी के नेतृत्व में एसएसपी से वीरेंद्र पर रासुका लगाने पर रोष जताया। कहा कि यह एकतरफा और सरासर गलत कार्रवाई है। वीरेंद्र गुर्जर का अपराध इतना है कि वह पुलिस की एकतरफा कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने की बात कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि यदि 24 तक रासुका नहीं हटी तो भाजपा व हिंदू संगठन सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। माहौल को शांत करने के बजाय प्रशासन भाजपा व हिंदू संगठनों को फर्जी तरीके से गिरफ्तार कर रहा है। उन्होंने कहा कि रासुका जैसी कार्रवाई एके-47 लूटने वालों के खिलाफ होनी चाहिए। मगर लखनऊ के इशारे पर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। कहा कि झिंझोली में जिन लोगों ने सुमन की हत्या की थी वे आज भी बाहर घूम रहे हैं। पूर्व चेयरमैन हरीश मलिक व वरिष्ठ भाजपा नेता ठा. जसवंत सिंह ने कहा कि जगजाहिर हो चुका है कि दंगे किसने कराए हैं। मगर मिलीभगत के कारण केंद्र सरकार प्रदेश सरकार को बर्खास्त नहीं कर रही है।
शिवसेना जिला प्रमुख योगेंद्र सिरोही ने भी राष्ट्रवादी सभा के अध्यक्ष वीरेंद्र गुर्जर पर रासुका लगाने की निंदा करते हुए कहा कि प्रशासन के ऐसे ही रवैये के कारण मुजफ्फरनगर में दंगे के हालात पैदा हुए थे। हिंदूओं के उत्पीड़न की आवाज उठाना कोई अपराध नहीं है। इसलिए वीरेंद्र गुर्जर पर लगी रासुका को तुरंत हटाया जाए।
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