प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वॉशिंगटन की ४ दिवसीय यात्रा पर पहुंचने के साथ ही एक सिख मानवाधिकार कार्यकर्ता समूह ने अमेरिकी अदालत से उनके खिलाफ १९९० में पंजाब में चलाए गए आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में समन जारी करवाया है।
न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार संगठन ‘द सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) अब एक आवश्यक आवेदन दाखिल करने की योजना बना रहा है ताकि जब मनमोहन सिंह यहां आएं तो समूह व्हाइट हाउस स्टाफ और सिंह की सुरक्षा टीम के सदस्यों को यह समन सौंपा जा सके। राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात के लिए प्रधानमंत्री गुरुवार को यहां पहुंचे हैं।
जानकार सूत्रों ने बताया कि सिंह के आसपास कड़ी सुरक्षा होने के कारण एसएफजे के लिए उन्हें समन दे पाना बेहद मुश्किल होगा। इसके साथ ही एसएफजे के लिए व्हाइट हाउस और सीक्रेट सर्विस के लिए अदालत से जरूरी निर्देश जारी करवा पाने की प्रक्रिया भी मुश्किल होगी।
कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एसएफजे द्वारा दायर ऐसे ही एक अन्य मामले में पार्टी के न्यूयॉर्क स्थित वकील रवि बत्रा ने सिंह के खिलाफ समन को समूह का एक प्रचार हथकंडा बताया है।
बत्रा ने बताया कि एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और संप्रभु राष्ट्र के प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह का एसजेएफ द्वारा एक कानूनी मामले के जरिए ‘स्वागत’ किया जाना केवल सुर्खियां बटोरने की कवायद है, जो कानून, गरिमा और सामान्य समझ का अपमान है।
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