पंट्टी कोतवाली क्षेत्र के रेड़ीगारापुर में मंगलवार को आयोजित समारोह में हिंदू देवी देवताओं व सवर्णो पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से इलाके में तनाव है। इस मामले में प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर समेत 34 लोगों पर भड़काऊ भाषण देकर जातीय उन्माद फैलाने के प्रयास के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
रेड़ीगारापुर गांव में मंगलवार को दिन में पेरियार रामास्वामी नागरकर जयंती समारोह आयोजित किया गया था। इस समारोह में डेढ़ हजार से अधिक लोग जुटे थे। पेरियार की उपलब्धियां गिनाने के दौरान वक्ता हिंदू देवी देवताओं और सवर्णो के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने लगे। समारोह में मौजूद धूई गांव के विनोद कुमार तिवारी समेत अन्य सवर्णो को देख कर यह कहने लगे कि उनका भाषण इसी तरह चलता रहेगा, जिसे सुनना हो सुने नहीं तो चला जाए।
इस टिप्पणी के बाद गांव समेत पूरे इलाके में तनाव व्याप्त हो गया। देखते ही देखते पूरे क्षेत्र में इसकी चर्चा की जाने लगी। विनोद समेत कुछ लोगों ने विरोध किया तो टकराहट बढ़ने लगी। अपनी बिरादरी के लोगों की संख्या अधिक देख विरोध की परवाह न करते हुए वक्ताओं ने भड़काऊ भाषण जारी रखा।
बाद में इस मामले में विनोद तिवारी ने पंट्टी कोतवाली पहुंच कर तहरीर दी। इस पर पुलिस ने रेड़ी गारापुर निवासी विजय बहादुर पाल, उनके भाई राम बहादुर पाल के साथ ही सत्य प्रकाश, राम अवध, लालमनि व कांधरपुर गांव के राजाराम पाल, राकेश मौर्य, बाल मुकुंद पाल, रामजश पाल और 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ आइपीसी की धारा 153 (ए), 295 (ए), 298 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। विजय बहादुर प्राथमिक विद्यालय तिवारीपुर भानेपुर (पूरे किरोधर) में हेडमास्टर हैं।
डीएम विद्याभूषण और एसपी एलआर कुमार का कहना है कि मामला संज्ञान में है। सीडी देखने के बाद आरोप सही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बीएसए जय सिंह का कहना है कि एसडीएम की रिपोर्ट आने पर हेडमास्टर को निलंबित कर दिया जाएगा।
मुजफ्फरनगर के दंगे से नहीं लिया सबक :
मुजफ्फरनगर के दंगे से भी बेल्हा के अफसरों ने सबक नहीं लिया। सूबे में सांप्रदायिक तनाव के मद्देनजर सक्रिय रहने की चीफ सेकेट्री व डीजीपी की हिदायत के बाद भी रेड़ी गारापुर में आयोजित कार्यक्रम की भनक प्रशासनिक अमले को नहीं लग सकी। संयोग ही रहा कि दूसरे समूह के शांत रहने के कारण बड़ी घटना टल गई।
आए दिन यह देखा जा रहा है कि छोटी मोटी बातों को लेकर समुदायों और विभिन्न वर्गो के लोग आमने सामने हो जा रहे हैं। सूबे की तरह जिले में भी तनाव का माहौल है। अभी दस दिन पहले 6 सितंबर को कोतवाली में आयोजित पुलिस कर्मियों व लेखपालों की बैठक में डीएम व एसपी ने कहा था कि पुलिस वालों के साथ लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, आशा बहू, आंगनबाड़ी कार्यकत्री सभी को आपसी तालमेल बिठाकर कानून व्यवस्था को बनाए रखने में जिम्मेदारी निभानी है, लेकिन इसका असर पुलिस वालों के साथ ही ग्रामीण स्तर के सरकारी कर्मचारियों पर नहीं दिखा।
यही वजह रही कि रेड़ीगारापुर में आयोजित पेरियार रामास्वामी नागरकर जयंती समारोह के बारे में न तो पुलिस को जानकारी हो सकी और न ही प्रशासन को। इसी चूक का नतीजा रहा कि समारोह में भड़काऊ भाषण दिए जाने के दौरान दोनों वर्गो में टकराहट की नौबत आ गई। अगर सवर्णो की संख्या भी खासी तादाद में होती तो स्थिति बिगड़ सकती थी। विनोद तिवारी जैसे अन्य लोगों ने माहौल को संभाला, नहीं तो खून खराबा हो सकता था।
0 comments :
Post a Comment