कश्मीर में हिंदू मंदिरों व धर्मस्थलों के संरक्षण संबंधी बिल फिर अगले सत्र के लिए टल गया है। बुधवार को हंगामे और शोर शराबे के बीच ही सदन ने इस बिल को अगले सत्र में पेश किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।
स्पीकर मुबारक गुल द्वारा सदन के मौजूदा सत्र को अनिश्चतकाल के लिए स्थगित किए जाने से पूर्व विधानसभा ने चार प्रस्ताव मंजूर किए। राज्य विधानसभा में जिस समय पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिहं के मुद्दे पर समूचा विपक्ष हंगामा कर रहा था, उस समय विधि एवं संसदीय मामलों के मंत्री मीर सैफुल्ला ने कश्मीरी हिंदू श्राइन एवं रिलिज्यस प्लेसिस (मैनेजमेंट एंड रेग्युलेशन) बिल, 2009 (एलए बिल संख्या: 11, वर्ष 2009) पर चयन समिति की रिपोर्ट को अगले सत्र के अंतिम दिन तक पेश किए जाने का प्रस्ताव पेश किया।
विपक्ष नारेबाजी और हंगामे में व्यस्त रहा और सत्तापक्ष के विधायकों के ध्वनिमत में यह प्रस्ताव पारित हो गया। इसी तरह जम्मू-कश्मीर मेंकृषि योग्य भूमि के गैर कृषि कार्यों के लिए इस्तेमाल संबधी बिल पर संयुक्त चयन समिति की रिपोर्ट को पेश करने के लिए अगले सत्र के अंतिम दिन तक की अनुमति के लिए प्रस्ताव पेश किया। यह प्रस्ताव भी ध्वनिमत से पारित हो गया।
जम्मू-कश्मीर निजी सुरक्षा एजेंसियों के संदर्भ में बिल पर गठित चयन समिति की रिपोर्ट को भी अगले सत्र के अंतिम दिन तक पेश किए जाने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया। मध्य और उत्तरी कश्मीर में वेटलैंड पर हुए कब्जों और काचराई व कृषि भूमि के गैर कृषि कार्यों के इस्तेमाल पर गठित हाऊस कमेटी की रिपोर्ट को अगले सत्र के अंतिम दिन तक पेश किए जाने की इजाजत के लिए प्रस्ताव ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।
भारत और हिन्दू समाज को खड़ा करो मंदिर अपने-अप बाख जायेगा,
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