मुजफ्फरनगर के दंगे में नामजद एक मौलाना से मुलाकात के आरोपों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सांप्रदायिक होना आसान और धर्मनिरपेक्ष होना कठिन है। फिर भी वह धर्मनिरपेक्षता की राह पर चलते रहेंगे। दंगों की जांच में निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होगा, मगर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने ये बातें अबू तैय्यब मियां की जिंदगी पर आधारित पुस्तक के विमोचन के मौके पर कहीं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के लिए उनकी पार्टी मुलायम सिंह यादव के रास्ते पर हमेशा चलती रहेगी। कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगे रोकने के लिए हर संभव कदम उठाये गये। आप पर दंगे में आरोपित एक मौलाना से मुलाकात के आरोप हैं? इस सवाल को थोड़ा टालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। चाहे कोई भी हों। आयोग और पुलिस की विशेष टीम जांच कर रही है। केंद्रीय गृहमंत्री ने निर्दोष मुसलमानों को हिरासत में नहीं लेने की मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी है, यूपी सरकार का रुख? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार पहले से ही इस दिशा में चौकन्नी है। निर्दोष मुस्लिम युवकों को छोड़ने की वजह से ही उस पर कई आरोप लग रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, मुलायम सिंह ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उर्दू अनुवादकों को सरकारी नौकरी दी। मौजूदा सरकार भी उर्दू को बढ़ावा देने और इसे रोजगार से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है। हमारी बेटी उसका कल योजना चल रही है। अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में नए आइटीआइ, पॉलीटेक्निक और डिग्री कालेजों की स्थापना हो रही है।
इससे पहले उन्होंने मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली द्वारा मौलाना अबू तय्यब की जिंदगी पर लिखी किताब 'हजरत मौलाना अहमद मियां फरंगी महली कुछ यादें कुछ बातें' का विमोचन किया। कहा कि मौलाना ने पूरी जिंदगी हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम किया। सपा प्रमुख का फरंगी महल से रिश्ता पुराना है। इस मौके पर अपर महाधिवक्ता जफरयाब जिलानी, पूर्व महाधिवक्ता एसएमए काजमी, दारुल उलूम नदवा के प्राचार्य मौलाना सइदुर्रहमान आजमी नदवी, मौलाना सैयद फखरुद्दीन अशरफ ने भी विचार रखे। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने अब तैयब की जिंदगी पर रोशनी डाली।
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