किसानों एवं बागवानों की आवाज को बुलंद करने के लिए हिमाचल प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा ने सोलन से शिमला तक किसान अधिकार यात्रा निकालने के बाद सोमवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तथा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सहित अन्य नेता मौजूद रहे। किसानों एवं बागवानों के अधिकारों को लेकर प्रदेश सरकार एवं महामहिम राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट किया कि किसानों को जंगली जानवरों और बंदरों से निजात दिलाने के लिए स्पष्ट निर्णय लें।
हाईकोर्ट ने दिल्ली में सेब पर कमीशन समाप्त कर दी है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली सरकार प्रदेश के बागवानों से आठ फीसद कमीशन ले रही है, इसे तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए। प्रदेश के सेब उत्पादक का लागत मूल्य दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक है। पूर्व की एनडीए भाजपा सरकार ने वाजपेयी के नेतृत्व में सेब पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया था।
किसान मोर्चा निरन्तर इस आयात शुल्क को बढ़ाने की माग करता आया है। काग्रेस ने विधानसभा चुनाव में आयात शुल्क 150 प्रतिशत करने का वादा किया था परंतु इसके विपरीत 50 प्रतिशत आयात शुल्क को भी समाप्त कर दिया गया है। किसान मोर्चा यह मानता है कि 150 प्रतिशत आयात शुल्क हिमाचल के बागवान का अधिकार है व उसे मिलना ही चाहिए। सब्जी मंडियों का विस्तार किया जाए तथा अन्य स्थानों पर नई सब्जी मंडिया भी खोली जाएं। किसानों एवं बागवानों को उन्नत किस्म के बीज एवं उर्वरक उपलब्ध करवाएं। प्रदेश की समस्त कृषि भूमि को सिंचित किया जाए।
पूरे भारतवर्ष में ट्रैक्टर ट्रॉली को बैल गाड़ी की संज्ञा दी गई है लेकिन हिमाचल प्रदेश एक मात्र ऐसा राच्य है जहा आज भी ट्रैक्टर ट्राली को कमर्शियल व्हीकल्स की संज्ञा दी गई है व किसान को मजबूरन पंजीकरण कराना पड़ता है। भाजपा किसान मोर्चा इसका तत्काल समाधान चाहता है।
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