राजशाही तक हिंदूराष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित नेपाल को दोबारा यह पहचान दिलाने की मांग जोर पकड़ेगी। आनुपातिक निर्वाचन की मतगणना के ताजा आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। इसमें कांग्रेस, एमाले और एकीकृत माओवादी के बाद नेपाल की चौथी बड़ी पार्टी के तौर उभरी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी-नेपाल लगातार देश को हिंदू राष्ट्र का दर्जा वापस देने की मांग करती आई है।
बुधवार दोपहर 11 बजे तक राप्रपा नेपाल को 4,61,800 मत मिल चुके थे। अब तक इसमें और भी बढ़ोतरी हुई होगी। हालांकि पार्टी को प्रत्यक्ष निर्वाचन में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली थी। तीनों प्रमुख दलों को छोड़कर अन्य पार्टियों के खाते में इक्का-दुक्का सीटें ही आई हैं। इसके बावजूद आनुपातिक निर्वाचन में राप्रपा नेपाल प्रत्यक्ष निर्वाचन में अपने से आगे रहे छोटे दलों से काफी आगे निकल गई है। इस प्रणाली के तहत करीब 30 दलों को सीटें मिलेंगी। प्राप्त मतों के आधार पर इन दलों को सीटों का आवंटन होगा। माना जा रहा है कि 20 हजार से कम मत पाने वाले दल को भी एक सीट मिल जाएगी।
राप्रपा नेपाल हिंदूराष्ट्र का दर्जा समाप्त किए जाने का विरोध करती आई है। देश को हिंदूराष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना पार्टी का मुख्य एजेंडा है इसलिए इसे राजावादी भी बताया जाता है। पार्टी अध्यक्ष कमल थापा सार्वजनिक मंचों से हिंदूराष्ट्र बनाने के लिए जोरदार भाषण देते आए हैं। कर्मचारी वर्ग में पार्टी की साख काफी अच्छी है इसीलिए आनुपातिक निर्वाचन में वह अच्छी स्थिति में है।
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