आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को विवादास्पद मौलाना तौकीर रजा खान से मिलकर अपने गुप्त एजेंडे को सार्वजनिक कर दिया. बीजेपी और कांग्रेस के बाद अब निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन भी केजरीवाल पर बरस पड़ी हैं.
मुलाकात के बाद से ही तसलीमा ट्विटर पर केजरीवाल के खिलाफ लिख रही हैं. एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा, 'एक नेता ऐसे कट्टरपंथी से मिलने जाता है जिसने मेरा सिर काटने पर इनाम का ऐलान किया, यह जानते हुए भी कि यह गैरकानूनी और असंवैधानिक है. मुझे हैरत है कि नेता इनके पास क्यों जाते हैं? अगर उन्हें मुसलमानों का समर्थन चाहिए तो वे आम मुसलमानों के पास क्यों नहीं जाते. मौलानाओं के पास जाने वाले नेता ही मुसलमानों के पिछड़ेपन की वजह हैं.'
गौरतलब है कि मौलाना तौकीर रजा खान उस बोर्ड के सदस्य रहे हैं जिसने 2007 इस्लाम विरोधी गतिविधियों के लिए तसलीमा और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश का सिर कलम करने वाले को 5 लाख रुपये का इनाम देने का फतवा जारी किया था. मौलाना तौकीर पर दंगे करवाने का भी आरोप है. उनके पोते सैयद अहमद रजा खान को 2010 के बरेली दंगों के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
आम आदमी पार्टी धर्म की राजनीति से दूर रहने का दावा करती है, लेकिन केजरीवाल की इस मुलाकात से विरोधी दलों को विवाद खड़ा करने का मौका मिल गया है.
उधर बीजेपी ने केजरीवाल पर 'सांप्रदायिक कार्ड' खेलने का आरोप लगा डाला है. वहीं कांग्रेस ने हमेशा की तरह 'आप' को भाजपा की 'बी' टीम कहा है.
आप प्रमुख केजरीवाल ने इस मुलकात को तवज्जो न देने की कोशिश करते हुए कहा कि वह एक धार्मिक यात्रा पर बरेली गए थे और मौलाना से इसलिए मिले थे क्योंकि वह शहर में एक सम्मानित व्यक्ति हैं. केजरीवाल ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि तसलीमा नसरीन के खिलाफ मौलाना ने फतवा जारी किया था.
उन्होंने कहा, 'मैं भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए जियारत करने दरगाह पर गया था और मौलाना रजा साहब से मुलाकात की क्योंकि वह वहां बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं. मैंने उनसे मुलाकात की और उनसे अपील की कि हर किसी को देश को बचाने के लिए एकजुट होना चाहिए क्योंकि यह एक संवेदनशील दौर से गुजर रहा है.'
केजरीवाल ने बताया, 'मैंने उनसे बात की और उन्होंने मुझसे कहा कि वह कभी भी फतवा जारी नहीं कर सकते क्योंकि फतवा मुफ्ती जारी करते हैं. उन्होंने मुझसे कहा कि सैकड़ों लोगों के एक बोर्ड के प्रमुख ने फतवा जारी किया था. कुछ साल पहले वह भी इस बोर्ड के सदस्य थे.
उन्होंने मुझसे कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह ज्यादा जाने-माने हैं और लोगों के बीच सम्मानित हैं, उनका नाम सामने आ गया.' केजरीवाल ने कहा कि वह और उनकी पार्टी के समर्थक हिंसा की राजनीति में यकीन नहीं करते और वे लोग इसे बदलने के लिए ही राजनीति में शामिल हुए हैं.
taslima ji is bechare par kyo naraj hai ye videshi dalal hai videshi mishanariyo ki iksha anusar kam karta hai
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