लोकसभा चुनाव में अमेठी का चुनाव कांग्रेस-भाजपा की सबसे दिलचस्प जंग में तब्दील हो सकता है। भाजपा अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ संजय सिंह को उतारने पर विचार कर रही है।
अगर ऐसा हुआ, तो कांग्रेस उपाध्यक्ष को ऐसे विरोधी से मुकाबला करना होगा, जो न केवल जोशीले माने जाते हैं, बल्कि रईस और स्थानीय स्तर पर विवादित नेता की छवि भी रखते हैं।
खास बात यह है कि संजय सिंह, राहुल के पिता राजीव गांधी के काफी करीबी रहे हैं और फिलहाल कांग्रेस सांसद हैं।
एक खबर के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि सुल्तानपुर से कांग्रेस सांसद और अमेठी के ‘राजा’ कहे जाने वाले संजय सिंह भाजपा की तरफ से राहुल को चुनौती दे सकते हैं। पार्टी की सिंह से बातचीत चल रही है।
भाजपा ने सिंह को संभवतः यह पेशकश भी दी कि अगर वह राहुल के खिलाफ अमेठी से चुनाव हार जाते हैं, तो उन्हें राज्यसभा टिकट दी जाएगी। कांग्रेस नेता ने भी माना है कि उन्हें इस बातचीत की जानकारी है।
संपर्क करने पर संजय सिंह ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह का कहना है कि अब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं किया गया है।
सिंह का सियासी करियर कई बदलाव देख चुका है। सिंह के पिता रणंजय सिंह को नेहरू-गांधी परिवार को अमेठी तक लाने का श्रेय दिया जाता है। लेकिन सिंह ने गांधी परिवार का साथ छोड़ 1988 में वीपी सिंह का दामन थाम लिया था।
दस साल बाद वह फिर कांग्रेस छोड़ गए और भाजपा के लिए सीट जीती। अगले साल वाजपेयी की अगुवाई में वह भाजपा के लिए फिर लड़े, लेकिन रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ हार गए।
2003 में दोबारा कांग्रस में आए संजय सिंह सुल्तानपुर से जीते। इन चुनावों में उत्तर प्रदेश की 22 लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई, जबकि केवल दस भाजपा को मिली।
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