अमर्त्य सेन के साथ कन्नड़ साहित्यकार प्रफेसर अनंतमूर्ति ने कुछ दिन पहले कहा था कि वे नरेंद्र मोदी को बतौर पीएम नहीं देखना चाहते हैं पर इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने कहा है कि मैं इन दोनों की राय से सहमत नहीं हूं। मूर्ति ने एक न्यूज़ चैनल से इंटरव्यू में कहा कि वह मोदी के विकास मॉडल पर अमर्त्य सेन की आलोचना से भी इत्तेफाक नहीं रखते।
उन्होंने कहा कि मैं गुजरात इटरप्राइजेज इंस्टिट्यूट का अध्यक्ष हूं और वहां के विकास के बारे में जानता हूं। नरेंद्र मोदी से कई बार मिल चुका हूं। मूर्ति ने कहा कि मोदी ने गुजरात में शानदार काम किए हैं। खास कर सड़क और पावर के क्षेत्र में उन्होंने बहुत काम किए हैं। गुजरात देश में कई राज्यों से बेहतर काम कर रहा है। ऐसे में नरेंद्र मोदी को क्यों नहीं क्रेडिट देना चाहिए। मूर्ति से पूछा गया कि क्या वह अमर्त्य सेन और प्रोफेसर अनंतमूर्ति के उस मत से सहमत हैं कि वे नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनते नहीं देखना नहीं चाहते। इस पर मूर्ति ने कहा कि हमें उस पर जाना चाहिए कि देश के विकास के लिए कौन अच्छा हो सकता है।
2002 में गुजरात में हुए दंगों के बारे में उन्होंने कहा कि हमें इससे आगे बढ़ने की जरूरत है। देश में दंगे हर दिन होते हैं और हर जगह हुए हैं। हम वहीं अटके नहीं रह सकते। मोदी को लंबे समय से गुजरात की जनता बहुमत दे रही है। गलतियां किसी से भी हो सकती हैं। ऐसे में महत्वपूर्ण बात यह है कि जो देश को विकास की पटरी पर ले जा सकता है उसे आगे आने में कोई दिक्कत नहीं है। मूर्ति से पूछा कि क्या वह अपने पूर्व कॉलीग नंदन निलेकणि को यदि कांग्रेस आगे करती है तो सपोर्ट करेंगे। मूर्ति ने कहा कि उनके पास शानदार विजन हैं। मैंने उनकी किताब पढ़ी है और उसमें भी उनका शानदार विजन सामने आता है। ऐसे लोगों को आगे करना चाहिए।
नारायण मूर्ति ने कहा कि आज की तारीख में देश को हाई क्वॉलिटी और मजबूत नेतृत्व की जरूरत है। फिलहाल हम कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। गरीबी और बेरोजगारी इनमें से प्रमुख समस्याएं हैं। हमें अजेंडा के साथ काम करना होगा। जीडीपी ग्रोथ और बिजनस ग्रोथ पर प्रमुखता से ध्यान देना होगा। मूर्ति ने कहा कि इस देश को विकास की पटरी पर लाने के लिए बहुत जरूरी है हाई क्वॉलिटी नेतृत्व को सत्ता मिले। जब उनसे पूछा गया कि लिडरशिप में आइडिया अहम है या व्यक्ति। इस पर नारायण मूर्ति ने कहा कि हम दोनों को पूरी तरह से अलग नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि एक अच्छा कम्यूनिकेटर ही मजबूत नेता हो सकता है। हम इतिहास में उन मजबूत नेताओं को देख सकते हैं जो कि शानदार कम्यूनिकेटर भी थे। महात्मा गांधी, जॉज वॉशिंगटन, अब्राहम लिंकन से विंस्टन चर्चिल तक लोगों से कम्यूनिकेट करते थे।
हमारे नेताओं को भी चाहिए कि वह लोगों तक पहुंचें। संवाद करें क्योंकि यह उनकी प्राइमरी जॉब है। उन्हें लोगों के भरोसे को जगाने की जरूरत है। जब मूर्ति से पूछा गया आप राहुल और मोदी में किसे बेहतर मानते हैं। इस पर मूर्ति ने कहा कि मैं राजनीतिक नहीं हूं और कौन बेहतर है इस पर मेरी टिप्पणी की कोई जरूरत नहीं है। मैं कोई फैसला नहीं दे सकता कि राहुल बेहतर हैं या मोदी। लेकिन हमें वैसे नेता को मौका देना चाहिए जो देश का विजन तय करने की क्षमता रखता है। जो लोगों से कम्यूनिकेट करता है। जो जीडीपी ग्रोथ रेट 9 पर्सेंट से ज्यादा ले जाने की कपैसिटी और विजन रखता है। यह ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह तो हमारे नेता की न्यूनतम क्वॉलिटी होनी चाहिए।
0 comments :
Post a Comment