कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से कोमा में चली गयी है तथा उसकी अवस्था दिमाग एवं हृदय काम न करनेवाले प्राणी जैसी हो गई है ।
ऐसी चेतनाशून्य देह में प्राण फूंकने की अपेक्षा अब इस मृत देहको अर्थी पर रखकर जलाना ही ठीक रहेगा तथा देशकी जनता इस कार्य को प्रामाणिकता से करनेवाली है, `दैनिक सामना’के १८ जनवरीके संपादकीय द्वारा शिवसेना ने ऐसी आलोचना की है ।
संपादकीय में कहा गया है कि .......
१. कांग्रेस महासमिति की बैठक में राहुल गांधी की प्रशंसा की गई । कांग्रेसप्रणीत यूपीए प्रशासन ने मंदी की कालावधि में गांव गांव में विकासगंगा कैसे पहुंचाई, कांग्रेस राज में निर्धनता कैसे दूर हुई, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वही राग अलाप रहे हैं । यह प्रशासन की निर्लज्जता है ।
२. विका की गंगा तथा हटाई गई निर्धनता कांग्रेस के सपने में है; क्योंकि कांग्रेस कुंभकरण की नींद सोई है । कांग्रेस जो सपने में देख रही है, देश का चित्र उसके बिल्कुल विपरीत है ।
३. भ्रष्टाचार देश को निगल गया है । महंगाई से जनता त्रस्त है । निर्धनता से वह तडप/कराह रही है । हरे दहशतवाद की अजगरी कुंडली में वह झटके दे रही है । महिलाओं पर होनेवाले अत्याचारों के कारण देश की अपकीर्ति आरंभ है ।
४. यह कांग्रेसणीत यूपीए प्रशासन की विकासगंगा का कचरा है । अत: गंगा पूर्ण रूपसे प्रदूषित हो गई है । राहुल गांधी की जयकार कर यह कचरा कैसे स्वच्छ होगा ? अब नए प्रशासन को ही यह कचरा स्वच्छ करना पडेगा तथा अगला प्रशासन कांग्रेस का नहीं होगा, यह काले पत्थर पर बनाई सफेद रेखा है।
0 comments :
Post a Comment