केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 30 मई 2014 को तंबाकू और उससे बने उत्पादों के इस्तेमाल के विरूद्ध आयोजित एक रैली को निर्माण भवन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में तकरीबन 300 बच्चों ने भाग लिया। यह रैली 31 मई शनिवार को मनाए जाने वाले “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों का एक हिस्सा है।
देश में तंबाकू निषेध के ब्रैंड-अम्बेसडर बने श्री राहुल द्रविड़ का हवाला देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने सभी देशवासियों से तंबाकू के खिलाफ युद्ध में देश का ब्रैंड-अम्बेसडर बनने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि तंबाकू के खिलाफ युद्ध को एक सामाजिक आंदोलन बनाना चाहिए जहां देश के आम महिला और पुरूष ही इस आंदोलन के अगुवा बने ।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तंबाकू न सिर्फ देश बल्कि समूची मानवता के लिए एक खतरनाक शत्रु है। उन्होंने तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों से तंबाकू का इस्तेमाल छोड़ने की शपथ लेने की अपील भी की। उन्होंने देश के नागरिकों से तंबाकू का इस्तेमाल करने वालों को तंबाकू के सेवन होने वाले बुरे परिणामों के बारे में सचेत और शिक्षित करने का आग्रह किया। तंबाकू के इस्तेमाल को घातक बताते हुए उन्होंने कहा कि कई परिवारों में बड़ों द्वारा तंबाकू के इस्तेमाल की वजह से उन्होंने उन परिवारों को तबाह होते और बच्चों को अनाथ होते देखा है। उन्होंने कहा कि देश से तंबाकू के इस्तेमाल का सफाया करना किसी एक व्यक्ति की नहीं, सभी नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि जब भी वे किसी को तंबाकू का इस्तेमाल करते अथवा धूम्रपान करते देखे तो दो मिनट का वक्त निकालकर उसे तंबाकू के इस्तेमाल के हानिकारक नतीजों के बारे में अवश्य समझाएं।
निर्माण भवन के बाहर एक बोर्ड लगाया गया था जिस पर लोग तंबाकू के इस्तेमाल के विरूद्ध अपने संदेश लिख रहे थे। डॉ. हर्षवर्धन ने सबसे पहले अपना संदेश लिखा- तंबाकू का इस्तेमाल = मृत्यु। उन्होंने कहा कि तंबाकू का इस्तेमाल सिर्फ मौत की ओर ही धकेलता है।
इस मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने बच्चों द्वारा तंबाकू के विरूद्ध आंदोलन की शुरूआत किये जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि दरअसल, बच्चे ही इस आंदोलन के सच्चे अंबेसडर है। इस मौके पर उन्होंने पोलियो के विरूद्ध चलाए गए अभियान में भी स्कूली बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाई।
रैली को हरी झंडी दिखाते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने आशा जताई के अगले वर्ष जब देश में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा होगा, उस वक्त तक देश के लाखों लोग तंबाकू का इस्तेमाल छोड़ चुके होंगे।
कार्यक्रम में दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के बच्चों के अलावा, नागरिक संगठनों, डबल्यू.एच.ओ. के प्रतिनिधियों और पब्लिक हैल्थ फाऊंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) ने भी भाग लिया। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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