पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि सतत विकास और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों की सामूहिक भागीदारी जरूरी है। मंत्रालय की नई पहल वैसी होनी चाहिए जिसमें सभी हितधारकों का विजन और रोडमैप पूरा हो। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना तो जरूरी है लेकिन इसमें प्रकृति के अनुकूल प्रयासों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। भारत की समृद्ध विरासत और सकारात्मक सोच ने पर्यावरण के मुद्दों को समझने के लिए एक नई शब्दावली दी है।
इस अवसर पर श्री जावडेकर ने मंत्रालय का नाम बदल कर " पर्यावरण मंत्रालय, वन एवं जलवायु परिवर्तन" करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन की चर्चा करते हुए कहा इसके पीछे गहरी सोच है। उन्होंने आश्वस्त किया कि आने वाले दिनों में भारत पर्यावरण से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं में एक सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करेगा।
श्री जावडेकर ने घोषणा की कि पर्यावरण मंजूरी के लिए आनलाइन सबमिशन की जो प्रणाली पहले शुरू की गई थी वह आज से पूरी तरह से काम करने लगेगी। उन्होंने कहा कि पहली जुलाई 2014 के बाद पर्यावरण मंजूरी के लिए आनलाइन छोड़कर किसी अन्य प्रणाली से आवेदन स्वीकार नहीं किये जाएंगे। यह कदम शासन में पारदर्शिता और मंत्रालय के बेहतर कामकाज को बढ़ावा देने का एक संकेत था।
उन्होंने कहा कि 42 साल तक लगातार विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने के बाद अब समय की मांग है कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए प्रयासों एवं कदमों का आत्मविश्लेषण और मूल्यांकन करें। समुदाय के समक्ष चुनौती यह थी कि सभी जलाशयों को साफ करें और हवा की गुणवत्ता में विकृतियों को दूर करने के लिए कार्य करें। इस समय ठोस कचरा प्रबंधन से संबंधित मसले भी चुनौती का रूप धारण किये हुए है। उन्होंने सदियों पुरानी ''धरती मां'' के दर्शन पर बल देते हुए कहा अभी भी प्रकृति और समुदाय के बीच संतुलन बनाने के दुरूह कार्य अंजाम देना होगा।
अपने संबोधन के दौरान मंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सांसदों समेत सभी हितधारकों को इस कार्य में शामिल कराने का उनका प्रयास होगा। उन्होंने बताया कि इसी उद्येश्य के लिए सभी सांसदों को एक-एक पौधा भेजा गया है ताकि वह भी पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सकें। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह के कई और कदम उठाए जाएंगे।
श्री जावड़ेकर ने भारत के द्वीप समूह और तटीय क्षेत्रों पर एक विशेष पोस्टर का भी विमोचन किया। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का थीम "छोटे द्वीप विकासशील राज्य" है।
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