अपर एयर स्पेस को कोलकाता फ्लाइट सूचना क्षेत्र में मिलाने का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है। यह घोषणा नागरिक उड्यन सचिव श्री अशोक लवासा द्वारा एयर नेविगेशन सुधार परियोजना की समीक्षा के बाद की गई।
परियोजना के प्रमुख घटकों में ए टी एस ऑटो मेशन प्रणाली एकीकृत स्टेट ऑफ दी आर्ट, मल्टीपल राडार का एकीकरण और एडीएस-बी सेंसर्स, मल्टीपल क्षेत्रों के साथ एयर स्पेस का पुनर्निर्माण और कोलकाता से वी एच पी का रिमोट परिचालन, आई पी आधारित वायस कंट्रोल का उपयोग और संचार प्रणाली (वी सीसीएस) शामिल है। सुधार पहल में निम्नलिखित बिन्दु शामिल होंगे।
ए) एकीकृत ए टी एस ऑटो मेशन प्रणाली
बी) मल्टीपल राडार का एकीकरण और एडीएस-बी सेंसर्स
सी) वायस कंट्रोल और संचार प्रणाली (वीसीसीएस)
दिल्ली में स्थित 150 कंट्रोलर और कोलकाता में 100 कंट्रोलर की स्थिति के लिए आईपी आधारित प्रौद्योगिकी के साथ वीसीसीएस विफल नहीं हाने वाला और एटीएस इकाई के साथ समग्र नेटवर्क और कंट्रोलर और एयरक्राफ्ट के बीच सक्षमता उपलब्ध कराने के लिए स्थापित हो रहा है।
पूर्व में अपर एयरस्पेस हारमोनाइजेशन परियोजना के हिस्से के रूप में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया चेन्नई में एफ आई आर के पुनर्निर्माण को पूरा कर चुका है और ठोस लाभ के साथ उसी तरह का परिचालन किया है। परियोजना ने 2012 में इंटरनेशनल जनेस अवार्ड जीता है।
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