शिरडी के साईं बाबा की पूजा को लेकर जारी विवाद खतरनाक मोड़ ले सकता है। नागा साधुओं को सनातन धर्म (हिंदू धर्म) की रक्षा के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
नागा साधुओं को हिंदू धर्म के खोए हुए गौरव को लौटाने के लिए कहा गया है। नागा साधुओं को समझाया जा रहा है कि साईं बाबा के अनुयायी सनातन धर्म को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अखाड़ों के नेताओं ने सभी नागा साधुओं को प्रयाग और हरिद्वार में एकत्रित होने के लिए कहा है। इनका लक्ष्य होगा ऎसी रणनीति बनाना होगा जिससे इस विश्वास को खत्म किया जा सके कि साईं बाबा ईश्वर थे।
कुंभ में होने वाली शाही स्नान को छोड़कर नागा साधु साल भर तपस्या में लीन रहते हैं लेकिन अब उन्हें तपस्या छोड़कर हिंदू धर्म की रक्षा के लिए जंग के लिए तैयार रहने को कहा गया है। पूरे देश में दो लाख नागा साधु हैं। जानकारों के मुताबिक अगर नागा साधु सड़कों पर उतर आए तो कानून व्यवस्था को संभालना मुश्किल हो जाएगा।
अग्नि अखाड़ा के सचिव गोविंदानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि यह धार्मिक आपातकाल की स्थिति है। आदि शंकराचार्य ने जो कार्य सौंपा था,उम्मीद है उसे नागा साधु पूरा करेंगे। हमने नागा साधुओं से प्रयाग और हरिद्वार में एकत्रित होने के लिए कहा है। निरंजानी अखाड़ा के सचिव आचार्य नरेन्द्र गिरी ने बताया कि हमारे कुछ सदस्यों ने मंदिरों से साईं की मूर्तियों को हटाना शुरू कर दिया है। साईं के अनुयायियों ने शंकराचार्य का जो अपमान किया है उसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती। हमारे हथियार बंद साधु इसका संज्ञान लेंगे।
हालांकि अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रमुख महंत ज्ञानदास ने शंकराचार्य की आलोचना करते हुए कहा कि वह अजीब कारणों को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा कर रहे हैं। हम लोगों को किसी विशेष आध्यात्मिक गुरू की पूजा करने से नहीं रोक सकते। मेरा मानना है कि हिंदू धर्म बहुत शक्तिशाली है। यह सिर्फ भ्रम है कि कोई दूसरा सम्प्रदाय इसे नुकसान पहुंचा सकता है।
हिन्दूराष्ट्र समाचार की ओर से हम निवेदन करना चाहते हैं कि हिन्दू अपनी एकता को खंडित न होने दें, कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं कि हिन्दू ही हिन्दू को नुक्सान पहुचाएं, हमें उनके प्रयास को असफल करना होगा.
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