आचार्य धर्मेंद्र का कहना है कि प्रचंड बहुमत से सरकार बनी है, इसलिए संविधान में संशोधन करने में कतई विलंब नहीं करना चाहिए। गो हत्या बंद हो, धारा 370 समाप्त करने के साथ ही वंदेमातरम को राष्ट्रगान घोषित किया जाना चाहिए। भारत आज भी इंडिया है, इसे सर्वकल्याणकारी हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। आचार्य ने कहा कि एक दिन झाडू लेकर सफाई करने से सफाई नहीं होती है। वास्तव में सफाई करना है तो नौटंकी बंद करनी होगी।
उन्हाेंने कहा कि 65 वर्ष बाद भी अंग्रेजी को कंधों पर ढो रहे हैं, वर्तमान पीढ़ी अंग्रेजी पर ही जी रही है। उन्हें देश की परंपरा, सभ्यता का ज्ञान तक नहीं है। पढ़ाई में भी साहित्यकार, कवियों व स्वतंत्रता दिलाने के लिए संघर्ष करने वालों को ही गायब कर दिया गया है।
ग्राम देवपहरी में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने जाने के पूर्व आचार्य धर्मेंद्र 'नईदुनिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज तक आजादी नहीं मिली है और आजादी के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। क्रांतिकारियों का लंबा सिलसिला है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेज के विरोध में मंगल पांडे थे, वहीं 13 वर्ष में विवाह करने के बाद 16 वर्ष में रानी लक्ष्मी बाई ने झांसी नहीं देेने का विरोध किया। सिर्फ 16 वर्ष में रानी परिपक्व कैसे हुई, यहां तो वरिष्ठ नेताओं को मनोहर जोशी को किनारा कर दिया गया। जब ये लोग सांसद चुने जा सकते हैं, तो क्या मंत्री नहीं बन सकते हैं। 65 वर्ष के बाद भी अंग्रेजी को कंधों पर ढो रहे हैं। वर्तमान पीढ़ी पर अंग्रेजी थोपी जा रही है, उन्हें पैसा कमाने की मशीन बना दिया गया। सिर्फ करियर की चिंता करते हुए दबाव बनाया जा रहा है।
आचार्य ने कहा कि प्रचंंड बहुमत से सरकार बन चुकी है, इसलिए संविधान में संशोधन करने में कतई विलंब नहीं करना चाहिए। सोच विचार की आवश्यकता नहीं है। देश को सर्वकल्याणकारी हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। डॉ. हेडगेवार ने भी यही नारा दिया था, फिर इसका विरोध क्यों हो रहा है। यहां वंदेमातरम करना सांप्रदायिकता कर विवाद खड़ा किया जा रहा है। भारत को जवान राष्ट्र कहा जाता है तो इसे हिंदू राष्ट्र बनाना चाहिए। संघ प्रार्थना को भाजपा का राजनीतिक एजेंडा होना चाहिए। विश्व में शांति तब तक नहीं होगी, जब तक संसार के नक्शे में बांग्लादेश व पाक होगा। खुलेआम अराजक तत्व घूम रहे हैं और उन्हें प्रमुखता से स्थान दिया जा रहा है।
एक प्रश्न के उत्तर में आचार्य ने कहा कि अन्य देश हमारे पैटर्न को स्वीकार करें, न की उनका पैटर्न या मॉडल देश में लागू करना चाहिए। चीन ने कभी भी किसी को पूंजी लगाने नहीं बुलाया, जबकि भारत चीन के कचरे से पटा हुआ है। नई पीढ़ी को भारतीय स्वाद चख कर मक्खन, रोटी व छाछ की मार्केटिंग करनी चाहिए, बल्कि दूसरों का अनुशरण नहीं करना चाहिए।
आचार्य धर्मेंद्र ने कहा कि जिस्म नुमाइश बढ़ते जा रहा है। पहले अभिनेत्री मीना कुमारी, मधुबाला, वैजयंती माला पूरे शरीर में कपड़ा पहनकर फिल्मों में आती थीं, लेकिन आज विज्ञापन में अर्द्धनग्न पोस्टर दिखाए जा रहे हैं, अभिनेत्रियां जिस्म नुमाइश से परहेज नहीं कर रही हैं। इस पर दंडनीय अपराध होना चाहिए। वर्तमान पीढ़ी पर इसका काफी गलत असर पड़ रहा है। इस पर रोक लगाया जाना चाहिए।
आचार्य ने कहा कि एक दिन झाडू लेकर सफाई करने से सफाई नहीं होती है। वास्तव में सफाई करना है तो नौटंकी बंद करनी होगी। पूरे देश कचरा हो गया। मन मस्तिष्क की सफाई करनी जरूरी है और इसके साथ ही सफाई होगी। सिर्फ साफ सफाई करने से लक्ष्मी नहीं आती और न ही अपूज्य लोगों की पूजा करने होता है। गोबर से लीपे गए आंगन, गोमाता की पूजा जहां होगी, वहां लक्ष्मी का आगमन होगा।
आचार्य धर्मेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ सबसे बढ़िया तब होगा, जब प्रदेश सरकार खैरात एवं मुफ्त में बांटना बंद करेगी। श्रम व शक्ति से लोगों को कमाना होगा और विकास करना होगा। प्रदेश में नक्सली समस्या का अंत तभी है, जब मिलिट्री कैंप के हवाले नक्सल क्षेत्र कर दिया जाए और मीडिया पर पाबंदी लगा दे। तभी नक्सली मुक्त ही नहीं बल्कि कश्मीर को भी मुक्त किया जा सकता है।
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