जो गाय दूध नही देती है। उससे कैसे 10 हजार रुपये प्रतिमाह कमाए जा सकते हैं। इसकी जानकारी राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने मंच से लोगों को दी। इसके साथ ही संघ का उदेश्य भारत की एकता और अखंडता को बचाना भी बताया।
शुक्रवार को बांदा मुख्यालय स्थित जीआईसी मैदान में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ का एकत्रीकरण किया गया। इस मौके पर अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख वी गागैय्या ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र हैं, यहां का रहने वाला समाज हिंदू समाज के आधार पर ही विश्व में पहचान होती है। विविधता में एकात्मता को देखना ही हिंदुत्व है।
इसी के साथ गौ रक्षा, कृषि विकास, साक्षरता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि गो-मूत्र, गोबर से किसानों में एक कांति का निर्माण हुआ है। गांव में कृषि करना किसानों के लिए सम्मान का विषय होना चाहिए। जो गाय दूध नहीं भी देती है। उससे भी हम 5 से 10 हजार रुपये कमा सकते हैं। यह बात स्थानीय स्वंय सेवक किसानों को समझाएं। ताकि वह ऐसी गाय को बाजार में कटने के लिए न बेंचे। इस मौके पर प्रांत प्रचारक अनिल, सह प्रांत प्रचारक वीरेंद्र चतुर्वेदी, अजय, सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
ऐसे कमाए जा सकते हैं रुपए:
- गौ मूत्र दवा बनाने के काम आती है।
- गाय के गोबर से कागज, मोटा कागज, झोले इत्यादि बनाए जा सकते हैं।
- चर्म रोग जैसे रोगों के लिए गाय का काफी लाभदायक होता है।
- वायु विकार, गैस इत्यादि जैसी बीमारियों के लिए गौ-मूत्र बेहद फायदे मंद होता है।
- गाय के गोबर से बनी खाद खेती के लिए बेहद ही लाभदायक व उर्वरक बढ़ाने वाली होती।
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