1. मोटर वाहन समझौता ज्ञापन तथा काठमांडू–दिल्ली के बीच पशुपति नाथ एक्सप्रेस बस सेवा की शुरुआत- भारत नेपाल के बीच यात्रियों की सुचारु आवाजाही के लिए निर्धारित मार्गों, ट्रिपों और समय सारणी के अनुसार नियमित बस सेवा शुरु करने के लिए द्विपक्षीय मोटर व्हीकल समझौता हुआ। इस समझौते से दोनों देशों के बीच निजी और गैर नियमित वाहनों के आने जाने की प्रक्रिया आसान होगी। इस समझौते से दोनों देशों के वाहन तथा पर्यटक बिना बाधा के एक दूसरे की सीमा में आ जा सकेंगे।
इससे दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी सम्पर्क और पर्यटन में वृद्धि होगी। यह समझौता सार्क समझौते के मॉडल पर आधारित है। शुरुआती तौर पर इन तीन मार्गों पर बस सेवा की शुरुआत होगी।
1. काठमांडू-भैरहवा-सुनौली-गोरखपुर, लखनऊ-नई-दिल्ली
2. काठमांडू-भैरहवा-सुनौली-आजमगढ़-वाराणसी और
3. पोखरा-भैरहवा-सुनौली-गोरखपुर-लखनऊ-नई-दिल्ली
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी नेपाल यात्रा के दौरान काठमांडू दिल्ली के बीच 'पशुपति एक्सप्रेस' बस सेवा को झड़ी दिखाकर रवाना किया। इस सेवा के लिए सभी आवश्यक मानदंड पूरे हो जाने के बाद इस बस सेवा को दैनिक अथवा एक दिन छोड़कर संचालित किया जाएगा।
2. राष्ट्रीय पुलिस अकादमी पर समझौता ज्ञापन, पनौती– पनौती में प्रस्तावित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी काठमांडू से लगभग 32 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित होगी। 25 हेक्टेयर क्षेत्र मे इसका निर्माण किया जायेगा। समझौता ज्ञापन के अनुसार भारत सरकार ने इस अकादमी के लिए 550 करोड़ रुपये का निर्माण राशि का कोष निर्धारित किया है। इससे पहले हैदराबाद-स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी की सहायता से इस अकादमी का व्यावहारियता मूल्याकंन किया गया। नेपाल सरकार की एमएचए इस संयुक्त परियोजना निगरानी समिति जेपीएमसी अकादमी के लिए कार्यकारी एंजेसी होगी और संयुक्त परियोजना निगरानी समिति में भारत सरकार के नामित अधिकारियों के साथ सहयोग करेगी। इस समय भारत में नेपाल पुलिस के लगभग 350 अधिकारी प्रतिवर्ष प्रशिक्षण ले रहें है। प्रस्तावित अकादमी वार्षिक आधार पर नेपाल के 410 पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देगी।
3. नेपाल को एक अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण –एक्जिम बैंक से नेपाल सरकार को एक अरब अमरीका डॉलर तक का ऋण मिल सकेगा। इस राशि का उपयोग जलविद्युत, सिंचाई और बुनियादी-ढ़ांचा विकास परियोजना के लिए किया जा सकेगा। इस बात की घोषणा प्रधानमंत्री ने अगस्त 2014 की अपनी नेपाल यात्रा के दौरान की थी। इस घोषणा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधो के और मजबूत होने और व्यापार और वाणिज्य में वृद्धि होने की उम्मीद है। इस ऋण सीमा के लिए ब्याज दर रियायती आधार पर एक प्रतिशत होगी। सार्वजनिक कार्यो के अन्तर्गत संयुक्त योजनाओं-जेवीएस के लिए भारतीय सहायता 50 प्रतिशत रहेगी।
4. आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय के बीच चिकित्सा की पारम्परिक प्रणाली के सहयोग पर समझौता-दोनों देशों के बीच समानता और आपसी लाभ पर आधारित समझौता किया गया है जिसका उद्देश्य है औषधि और औषध संयंत्रों की पारम्परिक प्रणाली पर सहयोग मजबूत, संवर्धित और विकसित करना। इसके अलावा परस्पर मान्यता पर आधारित औषधि पद्धति, पारम्परिक औषधि पद्धति में शिक्षा को मान्यता प्राप्त संस्थानों में स्कॉलरशिप का प्रावधान करना है, दोनो देशों के प्रभावी कानूनों के आधार पर पारम्परिक आधार पर आपसी व्यवस्था का निर्धारण कर कुशल चिकित्सकों के प्रैक्टिस करने की संभावना पर विचार करना है।
5. पर्यटन क्षेत्र में सहयोग पर समझौता – भारत और नेपाल दोनों ने पर्यटन और आवभगत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इसके अनुसार -
• पर्यटन और आवभगत उद्योग में हितधारकों के बीच सीधे सम्पर्क और सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
• पर्यटन संबधी सूचनाओं और आकड़ों का आदान-प्रदान।
• पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना
• इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विपणन और अनुभवों का आपसी आदान-प्रदान।
• एक संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन।
भारत और नेपाल पड़ोसी होने के नाते पर्यटन क्षेत्र में एक दूसरे को महत्वपूर्ण सहयोग कर सकते है। दोनों देशों के बीच पर्यटकों की आवाजाही में बढ़ोतरी हो रही है, दोनों देश पर्यटकों के आकर्षण के लिए अन्योन्याश्रित हैं।
इस क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों के पर्याप्त दोहन के लिए संयुक्त प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। दोनों देशों में छुट्टिओं के दौरान की जाने वाली यात्राओं के अलावा भी साहसिक, पर्वतारोहण पर्यटन तथा आध्यत्मिक पर्यटन में काफी संभावना है- जैसे बुद्ध सर्किट- लुम्बिनी-बोधगया-सारनाथ-कुशीनगर पर्यटन बढ़ने की अपार संभावना विद्यमान है। समझौते के बाद संयुक्त कार्य समूह के गठन पर हस्ताक्षर से इस पैकेज पर्यटनपर सहयोग में वृद्धि में मदद मिलेगी।
वर्तमान में नेपाल में आनेवाले पर्यटकों की बड़ी संख्या का स्रोत भारत है। 2012 में भारत से 165,815 पर्यटक नेपाल गए। जबकि इसी वर्ष में नेपाल मे आने वाले कुल पर्यटकों की संख्या 803,092 रही। इस प्रकार भारत ने यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान किया।
6-8. काठमांडू–वाराणसी, जनकपुर-अयोध्या और लुम्बिनी-बोधगया को सिस्टर सिटी के रुप में स्थापित करने के प्रबंध - काठमांडू –वाराणसी, जनकपुर-अयोध्या और लुम्बिनी-बोधगया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए इन्हें सिस्टर सिटी के रुप में जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है। भगवान पशुपति नाथ मंदिर की नगरी काठमांडू और काशी-विश्वनाथ की नगरी-वाराणसी को सिस्टर सिटी बनाने का प्रस्ताव है। वाराणसी को भारत की पवित्र नगरी के रुप में जाना जाता है। इस शहर को ऋग्वेद में भगवान शिव का प्रिय स्थल बताया गया है। प्राचीन समय में इस शहर को काशी अथवा शिव की नगरी भी कहा जाता था। एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय में से एक बनारस हिन्दू विश्वविघालय यहां स्थित है जबकि नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर, काठमांडू को सबसे पवित्र शिव तीर्थ स्थल का दर्जा प्राप्त है। प्राचीन काल से ही काठमांडू और नेपाल के लोग धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक एवं धर्मो के आधार पर वाराणसी से जुड़े है। नेपाल के बहुत से जाने माने प्रसिद्ध व्यक्ति बनारस हिन्दू विश्वविघालय के छात्र रहे है। हिन्दू धार्मिक महाकाव्य रामायण में वर्णित अयोध्या, भगवान राम का जन्म स्थल है और सीता के जन्म स्थल के रुप में प्रसिद्ध, जनकपुर की सिस्टर सिटी बनने के लिए एकदम उपयुक्त है। जनकपुर में राम-जानकी मंदिर प्रसिद्ध है। प्रत्येक पांच वर्ष में एक (धार्मिक) बारात अयोध्या से जनकपुर जाती है। महात्मा बुद्ध की जन्म स्थली लुम्बिनी और महात्मा बुद्ध का ज्ञान प्राप्ति स्थल बोधगया आपस में सिस्टर सिटी बनने के लिए एकदम उपयुक्त है।
इस संबंध से इन शहरों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, जानकारियों और विशेषज्ञता को साझा करने के साथ साथ लोगों के बीच आपसी सम्पर्क को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री की 25- 28 नवम्बर 2014 की यात्रा, इन समझौते पर हस्ताक्षर के लिए उपयुक्त अवसर रही।
9. भारत और नेपाल के बीच युवाओं के आदान-प्रदान पर सहमति करार- युवा मामले और खेल मंत्रालय तथा नेपाल के खेल और युवा मामले मंत्रालय के बीच इस सहमति करार से दोनों देशों के बीच युवाओं जैसे नेताओं, उद्यमियों, डॉक्टरों, पत्रकारों, शिक्षकों, खिलाडि़यों का आदान-प्रदान और युवा महोत्सव शुरू हो सकेंगे। युवाओं के इस आदान-प्रदान का उद्देश्य कार्यक्रमों, अनुभवों, कौशल, तकनीकों और जानकारों को साझा करना है।
10. एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच 900 मेगावाट की अरूण- तृतीय पनविद्युत परियोजना के लिए पीडीए पर हस्ताक्षर- प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान एसजेवीएन और नेपाल सरकार के बीच 900 मेगावाट की अरूण- तृतीय पनविद्युत परियोजना विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
11. आपात और ट्रामा केन्द्र- भारत सरकार ने वर्ष 2003 में काठमांडू में नेपाल भारत मैत्री आपात और ट्रामा केन्द्र की स्थापना के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। 200 बिस्तरों वाले इस 8 मंजिला केन्द्र की स्थापना पर 100 करोड़ रुपये की लागत आयी। प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान संयुक्त रूप से इस केन्द्र का उद्घाटन किया।
12. नेपाल की सेना को ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर मार्क- तीन की आपूर्ति- प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान नेपाली सेना को ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर मार्क- तीन सौंपा। नेपाल की सेना लंबे समय से इस हेलीकॉप्टर की आपूर्ति का अनुरोध कर रही थी। इस हेलिकॉप्टर का निर्माण और विकास एचएएल द्वारा किया गया है। ध्रुव- एएलएच का नामकरण ध्रुवतारे के नाम पर किया गया है। इस 5.5 टन वज़न के हेलीकॉप्टर का प्रयोग विभिन्न भूमिकाओं में और कई प्रकार के अभियानों के लिए किया जा सकता है। इस हेलीकॉप्टर का डिजाइन सैन्य और नागरिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसमें दो ईंजन लगे है, जिससे यह लंबे समय तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें लगे टर्बो शाफ्ट र्इंजन की शक्ति के चलते यह 5500 किग्रा वजन के साथ उडान भर सकता है। इसके अलावा इस हेलीकॉप्टर में कई उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
13. बोधगया मंदिर से बोधि वृक्ष के पौधे का उपहार- प्रधानमंत्री ने बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर से बोधि वृक्ष का एक पौधा उपहार में दिया है। इस पौधे को लुम्बिनी में माया देवी मंदिर परिसर में अशोका स्तंभ के नजदीक लगाया जाएगा। यह पौधा दोनों देशों के बीच साझा सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। साथ ही शांति, मित्रता और साझा मूल्यों का संदेश देता है। इस पौधे को प्रधानमंत्री की यात्रा के तत्काल बाद राजदूत द्वारा रोपा जाएगा।
14- नेपाल में 500 और 1000 के नोटों को चलन में लाया जाना- प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान घोषणा की कि भारत सरकार नेपाल में 500 और 1000 के भारतीय नोटों पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही हैं। यह प्रतिबंध वहां मई, 2000 से लागू है। नेपाली सरकार भी लगातार इस प्रतिबंध को हटाने की मांग करती रही है। इस प्रतिबंध के हटने से मुद्रा सुविधाओं में इजाफा होगा साथ ही लोगों की सीमापार अबाध आवाजाही और पर्यटन बढ़ावा मिलेगा । 15- मृदा परीक्षण मोबाइल परीक्षणशाला का उपहार- प्रधानमंत्री ने नवम्बर, 2014 की अपनी यात्रा के दौरान नेपाल सरकार को मृदा परीक्षण मोबाइल परीक्षणशाला वैन उपहार में दी है। यह वैन पारादीप फॉस्फेट-पीपीएल की ओर भेंट थी। पीपीएल लम्बे समय से नेपाल को डीएपी उर्वरकों की आपूर्ति करता रहा है। प्रारंभिक तौर पर यह आपूर्ति सरकार से सरकार के बीच आधार पर शुरू की गई थी। पहले नेपाली अधिकारी मृदा परीक्षण और कृषि के प्रशिक्षण के लिए भारत आते थे। इस मोबाइल परीक्षणशाला के मिलने से नेपाल में मृदा स्वास्थ्य की निगरानी और श्रेष्ठ कृषि पद्तियों को अपनाने में मदद मिलेगी। पीपीएल के अध्यक्ष और फिक्की के पूर्व अध्यक्ष श्री सरोज कुमार पोद्दार इस वैन को सौंपे जाने के समय वहां उपस्थित थे।
16- नेपाल में विद्युत आपूर्ति में सुधार के लिए करार- नेपाल सरकार ने भारत सरकार से विद्युत आपूर्ति में 70 मेगावाट की वृद्धि के लिए सार्क सम्मेलन से पहले अनुरोध किया था। दोनों देशों के बीच संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक के दौरान नवम्बर, 2014 में इस विषय पर चर्चा की गई। इस समूह का गठन भारत-नेपाल विद्युत व्यापार समझौता-अक्टूबर 2014 के तहत किया गया था। नेपाल के अनुरोध को स्वीकार करते हुए, उसे 70 मेगावाट बिजली की अतिरिक्त आपूर्ति नवम्बर, 2014 के तीसरे सप्ताह से शुरू कर दी गई।
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