केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले हिंदू और सिख शरणार्थियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को मानते हुए उन्हें यहां की नागरिकता पाने के नियम में कई राहत देने की घोषणा की है। यह सुविधा पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान के भी लोगों को समान रूप से मिलेगी। होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने गुरुवार को इस पर अपनी मंजूरी दी।
नए नियम के अनुसार 31 दिसंबर 2009 से पहले भारत में आए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक देश में नागरिकता के लिए ऑनलाइन की जगह हाथ से लिखे आवेदन भी दे सकते हैं। ये अब अपने आवेदन पासपोर्ट के साथ दे सकते हैं। हालांकि आवेदक का लंबी अवधि का वीजा, नागरिकता के लिए आवेदन पत्र जमा कराने के समय वैध होना चाहिए।
इन दोनों देशों के अल्पसंख्यक, जिनमें अधिकतर हिंदू और सिख हैं, जो माता-पिता के पासपोर्ट के आधार पर भारत आ गए थे, वे भी भारतीय नागरिकता के लिए पासपोर्ट के बिना आवेदन कर सकते हैं।
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