सरकार ने ‘स्वच्छ भारत कोष परिचालन दिशा-निर्देशों’ की घोषणा कर दी है, जो तत्काल प्रभावी हो जायेंगे।
कोष बनाने का उद्देश्य:
अनेक लोगों और परोपकारियों ने वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए किये जा रहे प्रयासों में योगदान करने में दिलचस्पी दिखाई है। परोपकार से जुड़ी धनराशि और कम्पनियों के सामाजिक दायित्व (सीएसआर) वाली रकम का इस मद में आसान संग्रह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत कोष बनाया गया है।
संचालन परिषद:
स्वच्छ भारत कोष के परिचालन का जिम्मा एक संचालन परिषद को दिया गया है, जिसके अध्यक्ष व्यय विभाग के सचिव हैं। इसके अन्य स्थायी सदस्यों में सचिव (नियोजन), सचिव (पेयजल एवं साफ-सफाई), सचिव (शहरी विकास), सचिव (आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन), सचिव (ग्रामीण विकास), सचिव (पंचायती राज) और सचिव (स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता) शामिल हैं। पर्यटन, संस्कृति या किसी अन्य विभाग के सचिवों को तब आमंत्रित किया जायेगा जब उनके प्रस्तावों पर विचार किया जायेगा।
सचिवालय:
संचालन परिषद की सहायता व्यय विभाग में स्थापित किये जाने वाला एक डिवीजन करेगा, जो इसके सचिवालय के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। संयुक्त सचिव स्तर का एक प्रशासक इसका प्रमुख होगा।
बैंक खाता और योगदान की रसीद:
· कम्पनियों और परोपकारियों की ओर से योगदान को नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित भारतीय स्टेट बैंक की केन्द्रीय सचिवालय शाखा में खोले गये एकल बैंक खाते में प्राप्त किया जायेगा।
· बैंक खाते का संचालन प्रशासक और वित्त मंत्रालय के मुख्य लेखा नियंत्रक द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा।
· कोष में योगदान नेट बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान के जरिये, अथवा डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड या चेक/डिमांड ड्राफ्ट के जरिये किया जा सकता है।
· दान देने वालों को अपने योगदान के लिए एक स्वचालित, डिजिटल ढंग से हस्ताक्षरित रसीद प्राप्त होगी।
इसके अलावा दान की रसीद के संदर्भ में अभिस्वीकृति के निम्नलिखित स्वरूप को अपनाया जायेगा:
योगदानकर्ता
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योगदान (रुपये में)
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अभिस्वीकृति का स्तर
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कम्पनियां
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1
2
3
4.
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20 करोड़ एवं उससे ज्यादा
10 करोड़ – 20 करोड़
1 करोड़ से 10 करोड़
1 करोड़ तक
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प्रधानमंत्री
वित्त मंत्री
सचिव, व्यय
प्रशासक, एसबीके
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व्यक्ति
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1
2
3
4
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1 करोड़ एवं उससे ज्यादा
50 लाख से 1 करोड़
10 लाख से 50 लाख
10 लाख तक
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प्रधानमंत्री
वित्त मंत्री
सचिव, व्यय
प्रशासक, एसबीके
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· वैसे तो कोष में आने वाली राशि को पूरी तरह से उसके उद्देश्य को पूरा करने में लगाया जायेगा, लेकिन अगर थोड़ी-बहुत रकम अस्थायी रूप से इस खाते में बेकार पड़ी रही तो उसे संचालन परिषद की अनुमति से भारतीय स्टेट बैंक की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) में निवेश किया जा सकता है। इस पर अर्जित होने वाली किसी भी ब्याज रकम को वापस कोष में डाल दिया जायेगा और फिर उसका इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्यों को पूरा करने में किया जायेगा।
स्वीकार्य गतिविधियां
इस कोष का इस्तेमाल स्कूलों समेत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तरों में सुधार लाने के उद्देश्य से किया जाएगा। इसकी मदद से नवाचार एवं विशिष्ट परियोजनाओं को शुरू किया जा सकता है और लड़कियों के लिए शौचालयों का निर्माण प्राथमिकता का क्षेत्र होगा। इस कोष से निम्नलिखित वृहत गतिविधियों को वित्त पोषित किया जाएगा।
· ग्रामीण क्षेत्रों, शहरी क्षेत्रों, प्राथमिक, माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ियों में सामुदायिक-व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
· प्राथमिक, माध्यमिक वरिष्ठ माध्यमिक सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ियों में बंद पड़े अथवा काम में नहीं आने वाले शौचालयों की मरम्मत एवं उनका नवीकरण।
· बनाए गए शौचालयों के लिए जल आपूर्ति की निर्माण गतिविधि।
· बनाए गए शौचालओं के लिए प्रशिक्षण एवं कौशल विकास को बढ़ावा देना तथा सफाई के मुद्दे पर शिक्षा के साथ इन्हें जोड़ना सुनिश्चित करना।
· ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में स्वच्छता एवं साफ-सफाई के क्षेत्र में सुधार करने संबंधी अन्य प्रयास। इसमें ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों का प्रबंधन शामिल है।
· देश में स्वच्छता के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए संचालन समिति द्वारा तय की गई कोई अन्य गतिविधि।
परियोजनाओं के प्रस्ताव
संबद्ध मंत्रालय उपरोक्त गतिविधियों से जुड़े प्रस्तावों को संचालन परिषद् के समक्ष विचारार्थ रखेगी। राज्य संबद्ध मंत्रालयों के जरिये इस कोष से धन राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इस कोष से आवंटित धन राशि का उपयोग उपरोक्त गतिविधियों के लिए विभागीय संसाधनों के पूरक के रूप मे किया जाएगा। हालांकि परिसम्पत्तियों के सृजन, दानकर्ताओं की ओर से 10 करोड़ से अधिक की धन राशि के बारे में विशिष्ट सुझावों पर संबद्ध मंत्रालयो द्वारा विचार किया जा सकता है अगर दिशा निर्देशों के साथ कोई विवाद नहीं हो।
मंजूरी एवं धनराशि को जारी करना
संचालन परिषद् संबद्ध मंत्रालयों द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओँ/गतिविधियों के लिए धनराशि के आवंटन की स्वीकार्यता का आकलन करने के लिए कम से कम तीन माह मे एक बार और यदि जरूरी हो तो जल्दी बैठक कर सकती है। संबद्ध मंत्रालयों द्वारा सुझाई गई परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करेगी और इसका मानदंड स्वयं उसी के द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
क्रियान्वयन
· इन परियोजनाओं/गतिविधियों का क्रियान्वयन राज्यों, जिलों और उप-जिला स्तर पर पहले से ही काम कर रहे संस्थानों द्वारा किया जाएगा। किसी नई संस्था का गठन नहीं किया जाएगा।
· इन परियोजनाओँ पर आने वाली लागत को इसी प्रकार की केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए प्रचलित लागत मानकों द्वारा निर्देशित किया जाएगा। इनका इस्तेमाल परियोजनाओं के लिए लागत अनुमानों को तय करने में किया जाएगा।
निगरानी
· इन परियोजनाओं से प्रशासनिक रूप से जुड़े संबद्ध मंत्रालय, कोष से प्राप्त होने वाली धन राशि के इस्तेमाल पर कड़ी निगरानी रखेंगे और तिमाही आधार पर संचालन परिषद् और वित्त मंत्री को प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे।
· इस कोष के तहत की जाने वाली गतिविधियों कि प्रगति की समीक्षा वित्त मंत्री द्वारा तिमाही आधार पर एवं प्रधानंमत्री द्वारा समय-समय पर की जाएगी।
· मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करेंगे की कोष के तहत शुरू की गई परियोजनाओं/गतिविधियों को दोहराया न जाए।
लेखांकन एवं लेखा परीक्षा
वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्रालय के मुख्य लेखा नियंत्रक (सीसीए) द्वारा प्रत्येक तिमाही में एक बार आंतरिक लेखा परीक्षण कराया जाएगा। इसके अलावा नियंत्रक एवं महालेखा परीषक द्वारा नियुक्त किये गए ऑडिटर बॉर्ड में से एक स्वतंत्र लेखा परीक्षक द्वारा वर्ष में एक वैधानिक लेखा परीक्षण कराया जाएगा। इनकी रिपोर्टें केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। सीसीए (वित्त) सभी प्राप्तियों और भुगतान खातों समेत सभी खातों का रखरखाव करेंगे।
जानकारी एवं वेब पोर्टल
इस धन राशि से जुड़ी सभी गतिविधियों की जानकारी तथा अक्सर पूछे जाने वाले प्रासंगिक सवालों को वित्त मंत्रालय की वेबसाइट अपलोड कराया जाएगा। प्राशासनिक मंत्रालय इस धन राशि से पूरी की जाने वाली गतिविधियों और उन्हें उपलब्ध कराए गए धन के इस्तेमाल तथा परियोजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े सवालों अथवा आरटीआई के जवाब देंगे।
दिशा-निर्देशों में संशोधन
इस कोष के संचालन के अऩुभव के आकलन के बाद संचालन परिषद् आवश्यकता पड़ने पर अपने उद्देश्यों को बेहरत तरीके से हासिल करने के लिए दिशा निर्देशों में संशोधन के लिए सिफारिश कर सकती हैं जिन पर अंतिम निर्णय वित्त मंत्री ही लेंगे। उपरोक्त दिशा निर्देश वित्त मंत्रालय की वेबसाइट www.finmin.nic.in पर भी उपलब्ध है।
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