केन्द्र सरकार अगले वर्ष जल ग्राम योजना शुरू करेगी। नई दिल्ली में जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘जल मंथन’ के समापन सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि शुरू में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जाएगी। हर जिलें में जिस गांव में पानी की सबसे ज्यादा कमी होगी उसी गांव को जल ग्राम के रूप में अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस काम में केन्द्र सरकार के अन्य मंत्रालयों और स्वयंसेवी संगठनों की भी मदद ली जाएगी। बाद में इस योजना को देश के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। सुश्री भारती ने कहा कि अगला वर्ष जल संरक्षण वर्ष के रूप में मनाया जाएगा जिसमें उनका मंत्रालय देश के हर जिलें में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा।
मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे गंगा संरक्षण कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि पूर्व में गंगा की सफाई पर जल्द बाजी में बहुत धन खर्च किया गया जिसका समुचित परिणाम नहीं निकला। उन्होंने कहा ‘’हम इस पर ठोस काम करेंगे जिसका दीर्घकालिन परिणाम होगा’’।
मंत्री महोदया ने आश्वासन दिया कि उनका मंत्रालय जल मंथन विमर्श में उठाए गए विभिन्न विषयों और उससे संबंधित सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगा। सुश्री भारती ने कहा ‘’दो वर्ष बाद मैं आप सभी को यहां अमंत्रित करूगी और आपकों बताउगी कि मेरें मंत्रालय ने आपके सुझावों पर क्या-क्या अमल किया’’।
सुश्री उमा भारती ने इस अवसर पर गंगा मंथन पर आयोजित राष्ट्रीय विमर्श से संबंधित एक पुस्तिका का भी विमोचन किया। इस विमर्श का अयोजन इसी वर्ष 7 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। पुस्तिका में विमर्श के निष्कर्षों का उल्लेख है।
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