ईसाई मिशनरी लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाते हैं। उनका ज्यादा निशाना हिंदू परिवारों पर होता है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह बात मंगलवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिलाध्यक्ष पंडित सुरेश शर्मा, प्रांत संपर्क प्रमुख कमलजीत सेतिया व धर्म जागरण समन्वय विभाग के विभाग प्रमुख संजीव तलवाड़ ने संयुक्त रूप से कही।
तीनों नेताओं ने दावा किया प्रार्थना सभा की आड़ में ईसाई मिशनरी धर्म परिवर्तन की चाल चलती हैं। इनके झांसे में आए 2306 परिवारों की कुछ समय पहले घर वापसी करवाई गई है। ये परिवार लालच और बहकावे में आकर धर्म परिवर्तन कर बैठे थे। ज्यादा निशाना गुरदासपुर के सीमा के साथ सटे गांवों को बनाया जा रहा है। इन नेताओं ने दावा किया कि विदेशी ताकतों के हाथों में खेलते हुए धर्म परिवर्तन का हथकंडा अपनाकर हिंदू समाज को बांटने की नापाक कोशिश की जाती है। साथ ही सवाल किया की कि जो लोग खुद को आज ईसाई कहते फिर रहे हैं, वह ही बताएं कि उनका पिछोकड़ क्या था? उन्होंने आह्वान किया कि हिंदू समाज इनकी चालों में न आए। क्योंकि यह सब्जबाग दिखाकर परिवारों को बांट कर उन्हें लड़ाने की साजिश रचते हैं।
29 अक्टूबर को रोशन ग्राउंड में आयोजित की गई मसीही सत्संग को विफल बनाने का उन्होंने तमाम हिंदू संगठनों का तहेदिल से धन्यवाद किया। ईसाई प्रतिनिधि दावा कर रहे थे कि मसीही सत्संग में 25 हजार संगत पहुंचेगी, लेकिन पंडाल में उपस्थिति 1500 से भी कम थी। इस मौके पर नगेंद्र गुप्ता, बलजीत राजा, सौरव इत्यादि मौजूद थे।
विहिप नेता कमलजीत सेतिया ने कहा कि ईसाई समागमों में योजनाबद्ध ढंग से लोगों को बहकाया जाता है। योजना के तहत समागम में इनके ही व्यक्ति उठते हैं और दावा करते हैं कि ईसाई बनने पर उन्हें सुख शांति मिली है। प्रार्थना से उनकी बीमारी ठीक हो गई। जबकि असलियत में यह सब धर्म परिवर्तन करवाने के लिए लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया जाता है। उन्होंने कहा कि रोशन ग्राउंड में आयोजित मसीही सत्संग की वीडियोग्राफी प्रशासन से हासिल करके देखी जाएगी, अगर कहीं पर कुछ गलत पाए जाने पर शिकायत भी होगी।
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