Home » , » विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक, 2014 लोकसभा में पेश

विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक, 2014 लोकसभा में पेश

इस विधेयक का उद्देश्य प्रतिस्‍पर्धा को बढ़ावा देना, परिचालन में दक्षता लाना और बिजली आपूर्ति की गुणवत्‍ता में सुधार लाना है.

बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने लोक सभा में विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2014 पेश किया। इन संशोधनों से विद्युत क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित सुधारों का मार्ग प्रशस्‍त होगा। इससे प्रतिस्‍पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, परिचालन में दक्षता आएगी और देश में बिजली आपूर्ति की गुणवत्‍ता में सुधार होगा। इस तरह बिजली उत्‍पादन की क्षमता में बढ़ोतरी होगी और अंतत: उपभोक्‍ता लाभान्वित होंगे। 

प्रस्‍तावित संशोधनों की खास बातें भारतीय विद्युत अधिनियम 1910, विद्युत (आपूर्ति) अधिनियम 1948 और विद्युत नियामक आयोग अधिनियम, 1998 जैसे पूर्ववर्ती विद्युत कानूनों का आपस में विलय करने तथा उन्‍हें आधुनिक बनाने के उद्देश्‍य से विद्युत अधिनियम, 2003 बनाया गया था। वर्ष 2004 तथा वर्ष 2007 में इस अधिनियम की दो बार समीक्षा की गई, ताकि आवश्‍यक समझे जाने वाले बदलावों को मूर्त रूप दिया जा सके। 

विगत वर्षों में हासिल अनुभवों के आधार पर प्रावधानों की फिर से समीक्षा करने की जरूरत महसूस की गई ताकि वितरण क्षेत्र में दक्षता एवं प्रतिस्‍पर्धा सुनिश्चित हो सके, ग्रिड की सुरक्षा को मजबूती प्रदान की जा सके और शुल्‍क दरों को तर्कसम्‍मत बनाया जा सके। 

व्‍यापक सलाह-मशविरा के बाद विद्युत अधिनियम, 2003 में कुछ खास संशोधनों का प्रस्ताव किया गया, जिनमें निम्‍नलिखित क्षेत्रों को कवर किया गया है: 

क. ग्रिड की सुरक्षा बढ़ाना: ग्रिड की सुरक्षा बढ़ाने तथा उसे मजबूती प्रदान करने के लिए कुछ खास उपायों पर विचार किया गया है। स्पिनिंग रिजर्व की देख-रेख करना और राज्‍यों तथा क्षेत्रीय लोड प्रेषण केन्‍द्रों इत्‍यादि द्वारा दिये गए निर्देशों के उल्‍लंघन पर ज्‍यादा जुर्माना लगाने के रूप में इसकी रोकथाम की कारगर व्‍यवस्‍था करना इनमें शामिल हैं। 

ख. वितरण क्षेत्र में कैरेज (वितरण नेटवर्क) एवं कन्‍टेंट को अलग करना : बिजली बाजार के विभिन्‍न खण्डों में प्रतिस्‍पर्धा के जरिये उपभोक्‍ताओं को विकल्‍प देने और दक्षता बढ़ाने के लिए वितरण क्षेत्र में कैरेज एवं कन्‍टेंट को अलग करते हुए एकाधिक आपूर्ति वाले लाइसेंसों की अवधारणा का प्रस्‍ताव किया गया है। इसमें बाजार सिद्धांतों के आधार पर शुल्‍क दरों के निर्धारण पर भी ध्‍यान केन्द्रित किया गया है। उपभोक्‍ताओं के हितों की रक्षा के लिए बिजली की खुदरा बिक्री की दरों की सीमा नियामक द्वारा तय किये जाने का प्रस्‍ताव है। इसके अलावा, मौजूदा वितरण लाइसेंसधारकों की सेवाएं उनका कार्यकाल समाप्‍त होने तक जारी रखने का प्रस्‍ताव है। 

ग. नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा : नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के विकास में तेजी लाने के लिए अनेक उपायों पर ध्‍यान केन्द्रित किया गया है। एक अलग राष्‍ट्रीय नवी‍करणीय ऊर्जा नीति के लिए प्रावधान करना, नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग का विकास करना, कोयला एवं लिग्‍नाइट आधारित ताप विद्युत संयंत्रों पर नवीकरणीय उत्‍पादन प्रतिबद्धता और ओपन एक्‍सेस के अधिभार से नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों को विशेष छूट देना भी इन उपायों में शामिल हैं। 

घ. दरों को तर्कसम्‍मत बनाना : वितरण क्षेत्र की लाभप्रदता सुनिश्चित करने के लिए ठोस वित्‍तीय सिद्धांतों के आधार पर शुल्‍क ढांचे को तर्कसम्‍मत बनाने एवं बिना किसी अंतर के लाइसेंसधारकों की राजस्‍व जरूरतों की वसूली के लिए शुल्‍क (टैरिफ) नीति के प्रावधानों को अनिवार्य बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है ताकि दरों का निर्धारण हो सके। इस विधेयक में विद्युत क्षेत्र से जुड़े निकायों द्वारा दर संबन्‍धी याचिकाओं को समय पर दाखिल करने का भी उल्‍लेख किया गया है। 

0 comments :

Post a Comment

Join our WhatsApp Group

Join our WhatsApp Group
Join our WhatsApp Group

फेसबुक समूह:

फेसबुक पेज:

शीर्षक

भाजपा कांग्रेस मुस्लिम नरेन्द्र मोदी हिन्दू कश्मीर अन्तराष्ट्रीय खबरें पाकिस्तान मंदिर सोनिया गाँधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राहुल गाँधी मोदी सरकार अयोध्या विश्व हिन्दू परिषद् लखनऊ जम्मू उत्तर प्रदेश मुंबई गुजरात दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश श्रीनगर स्वामी रामदेव मनमोहन सिंह अन्ना हजारे लेख बिहार विधानसभा चुनाव बिहार लालकृष्ण आडवाणी मस्जिद स्पेक्ट्रम घोटाला अहमदाबाद अमेरिका नितिन गडकरी सुप्रीम कोर्ट चुनाव पटना भोपाल कर्नाटक सपा सीबीआई आतंकवाद आतंकवादी पी चिदंबरम ईसाई बांग्लादेश हिमाचल प्रदेश उमा भारती बेंगलुरु केरल अरुंधती राय जयपुर पंजाब इस्लामाबाद उमर अब्दुल्ला डा़ प्रवीण भाई तोगड़िया धर्म परिवर्तन महाराष्ट्र सैयद अली शाह गिलानी हिन्दुराष्ट्र अरुण जेटली मोहन भागवत राष्ट्रमंडल खेल वाशिंगटन शिवसेना इंदौर गंगा दवा उद्योग हिंदू कश्मीरी पंडित गोधरा कांड बलात्कार भाजपायूमो मंहगाई यूपीए साध्वी प्रज्ञा सुब्रमण्यम स्वामी चीन बी. एस. येदियुरप्पा भ्रष्टाचार शिवराज सिंह चौहान हिंदुत्व हैदराबाद इलाहाबाद काला धन गौ-हत्या चंडीगढ़ चेन्नई तमिलनाडु नीतीश कुमार शीला दीक्षित सुषमा स्वराज हरियाणा अशोक सिंघल कोलकाता जन लोकपाल विधेयक नई दिल्ली नागपुर मायावती मुजफ्फरनगर मुलायम सिंह रविशंकर प्रसाद स्वामी अग्निवेश अखिल भारतीय हिन्दू महासभा आजम खां उत्तराखंड फिल्म जगत ममता बनर्जी लालू यादव अजमेर प्रणव मुखर्जी बंगाल मालेगांव विस्फोट विकीलीक्स अटल बिहारी वाजपेयी आशाराम बापू ओसामा बिन लादेन नक्सली अरविंद केजरीवाल एबीवीपी कपिल सिब्बल क्रिकेट तरुण विजय तृणमूल कांग्रेस बजरंग दल बसपा बाल ठाकरे राजिस्थान वरुण गांधी वीडियो सोहराबुद्दीन केस हरिद्वार असम गोवा मनीष तिवारी शिमला सिख विरोधी दंगे सिमी इसराइल एनडीए कल्याण सिंह पेट्रोल प्रेम कुमार धूमल सैयद अहमद बुखारी अनुच्छेद 370 जदयू भारत स्वाभिमान मंच हिंदू जनजागृति समिति आम आदमी पार्टी विडियो-Video हिंदू युवा वाहिनी कोयला घोटाला मुस्लिम लीग छत्तीसगढ़ हिंदू जागरण मंच सीवान
registration for Z.com Research India

लोकप्रिय ख़बरें

ख़बरें और भी ...

राष्ट्रवादी समाचार. Powered by Blogger.

नियमित पाठक