केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने इस बात पर बल दिया कि महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के प्रति स्वत: संवेदनशीलता प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रत्येक पुलिस स्टेशन में 33 प्रतिशत पुलिस महिलाएं होनी चाहिए।
मंत्री महोदया ने कहा कि 'सभी महिलाओं वाले पुलिस स्टेशन' के होने से अलगाव की समस्या आयेगी। उन्होंने नई दिल्ली में 'लैंगिक हिंसा और न्याय तक पहुंच' : आकलन, विश्लेषण और नीति पर सेमिनार को संबोधित करते हुए यह बात कही।
श्रीमती मेनका गांधी ने लैंगिक समानता के लिए आर्थिक शक्ति की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने महिलाओं को आर्थिक रूप से समर्थ बनाने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बारे में कहा। उन्होंने बताया कि महिला प्रशिक्षण केन्द्र पीपीपी मॉडल के आधार पर स्थापित किए जा सकते हैं, जिसके लिए केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय निधि मुहैया कराने के लिए इच्छुक है।
उनका मंत्रालय देश के सौ जिलों में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना पर पहले से ही कार्य कर रहा है। श्रीमती मेनका संजय गांधी ने 'लैंगिक पहचान और हिंसा' पुस्तक का विमोचन किया।
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